जय श्रीराम के नारे लगवाये, ताबीज की बात झूठी, गाजियाबाद केस में बुजुर्ग ने बदला बयान

अब्दुल समद सैफी ने ये भी दावा किया कि मुझसे जय श्रीराम के नारे लगवाये, पानी मांगा, तो पेशाब पीने को कहा, सैफी के साथ खड़े शख्स ने कहा कि इनको मारने के लिये दो बार तमंचा भी चलाया गया।

New Delhi, Jun 17 : गाजियाबाद के लोनी इलाके में अब्दुल समद सैफी पर हुए हमले के बाद अब इस पर राजनीति तेज हो गई है, इस बीच समद सैफी का एक और बयान सामने आया है, जिसमें वो नारेबाजी, जान से मारने की धमकी, मारपीट और पेशाब पिलाने तक की बात कह रहे हैं, समद ने ताबीज वाली बात को भी झूठ बताया है।

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क्या कहा
ये बातें बुधवार रात समद सैफी ने अपने घर बुलंदशहर के अनूपशहर में पत्रकारों से कही, वीडियो में उनके साथ मौजूद लोग पुलिस की कार्रवाई पर सवाल खड़े कर रहे हैं, अब्दुल समद सैफी ने कहा कि मेरी कनपटी पर पिस्तौल लगाई गई, 4 लोग थे, जिन्होने मुझे डंडे और बेल्ट से पीटा, मैं उन्हें नहीं जानता था। सैफी ने आगे कहा कि मुझ पर झूठा इल्जाम लगाया जा रहा है, मैं नहीं जानता कि मारने वाला कोई मुसलमान था, ताबीज की बात झूठी है, मैं ताबीज का कोई काम नहीं करता, मुझ पर झूठा इल्जाम लगाया जा रहा है, ऐसा इल्जाम कोई भी लगा सकता है, मैं तो मदरसे पर रहता हूं।

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नारे लगवाये
अब्दुल समद सैफी ने ये भी दावा किया कि मुझसे जय श्रीराम के नारे लगवाये, पानी मांगा, तो पेशाब पीने को कहा, सैफी के साथ खड़े शख्स ने कहा कि इनको मारने के लिये दो बार तमंचा भी चलाया गया, लेकिन फायर मिस हो गया, लेकिन पुलिस ने धारा 307 में एफआईआर दर्ज क्यों नहीं की।

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बयान से पलटे
इससे पहले बुजुर्ग समद सैफी ने कहा था कि उन्हें पुलिस ने सहयोग किया था, हालांकि अब वो बयान से पलट चुके हैं। आपको बता दें कि गाजियाबाद में बुजुर्ग सैफी की पिटाई और जबरन दाढी काटने के आरोपों को लेकर राजनीतिक बवाल मचा हुआ है, मामले में पुलिस सांप्रदायिक पहलू से इंकार कर रही है, जबकि विपक्ष इस मसले को लेकर हमलावर है, पुलिस का कहना है कि अब्दुल समद की पिटाई करने वाले उसके द्वारा बेचे गये ताबीज को लेकर नाखुश थे।