पूर्व सांसद ने चिराग पासवान की राजनीतिक हत्या रोकने के लिये मोदी से लगाई गुहार, याद दिलाई ये बात

चिराग पासवान ने ये भी कहा कि मेरे पास पार्टी के प्रदेश अध्यक्षों के शपथ पत्र हैं, जिन्होने मेरे नेतृत्व पर भरोसा जताया है, मैंने चुनाव आयोग को सूचित किया है कि ये पांचों सांसद अब लोजपा के नहीं बल्कि निर्दलीय सांसद हैं।

New Delhi, Jun 18 : लोजपा में चाचा पशुपति कुमार पारस और भतीजा चिराग पासवान के बीच अध्यक्षता की दावेदारी का मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच सकता है, इस बात की घोषणा खुद चिराग पासवान ने की है, उन्होने अपने चाचा पशुपति कुमार पारस के पार्टी अध्यक्ष के चुनाव को खारिज करते हुए इसे असंवैधानिक करार दिया है, साथ ही कहा कि लोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी द्वारा किया जाता है, जिसमें करीब 75 फीसदी सदस्य होते हैं, जबकि गुरुवार को पटना में हुई राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक में सिर्फ 9 सदस्य उपस्थित थे, निलंबित सदस्यों ने मेरे चाचा को अध्यक्ष चुना है, जो अवैध है।

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पांचों सांसद लोजपा के नहीं हैं
चिराग पासवान ने ये भी कहा कि मेरे पास पार्टी के प्रदेश अध्यक्षों के शपथ पत्र हैं, जिन्होने मेरे नेतृत्व पर भरोसा जताया है, मैंने चुनाव आयोग को सूचित किया है कि ये पांचों सांसद अब लोजपा के नहीं बल्कि निर्दलीय सांसद हैं, chirag paswan1 मुझे भरोसा है कि लोजपा संविधान के मद्देनजर चुनाव आयोग और लोकसभा अध्यक्ष उचित निर्णय लेंगे।

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टूटते नहीं देख सकता
चिराग पासवान ने कहा कि पार्टी मेरे पिता द्वारा बनाई गई थी, मैं इसे इस तरह टूटते नहीं देख सकता, chirag paswan2 एक लंबी लड़ाई के लिये तैयार हूं और जरुरत पड़ी तो सुप्रीम कोर्ट का रुख करुंगा। हालांकि दूसरी ओर से ही कानूनी लड़ाई की तैयारी की जा रही है।

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मोदी को लेटर
इस बीच खबर ये है कि लोजपा में राजनीतिक विवाद को लेकर पूर्व सांसद अरुण कुमार ने पीएम मोदी को एक लेटर लिखा है, जिसमें उन्होने मोदी से चिराग पासवान की राजनीतिक हत्या को रोकने की गुहार लगाते हुए नीतीश कुमार का व्यवहार याद दिलाने की कोशिश की है, chirag modi अरुण कुमार ने अपने लेटर में लिखा है, नीतीश कुमार ने उन्हें राजनीतिक अछूत बनाते हुए उनके सामने से भी थाली खींची थी, चिराग पासवान ने बतौर पीएम उम्मीदवार उनका समर्थन किया था, इसलिये उनकी राजनीतिक हत्या को पीएम मूकदर्शक बनकर ना देखें।