जवाब दे गया चिराग पासवान का धैर्य, बीजेपी से आहत होकर कही ऐसी बात

लोकसभा सांसद चिराग पासवान ने द हिंदू को दिये एक इंटरव्यू में कहा कि बीजेपी ने लगता है कि मेरा साथ छोड़ दिया है, क्योंकि बीजेपी के किसी भी नेता ने मुझसे कोई संपर्क नहीं किया, ये हमारे लिये दुख की बात है।

New Delhi, Jun 23 : लोजपा दो गुटों में बंट गई है, पशुपति पारस और सांसदों की बगावत के बाद चिराग पासवान बैकफुट पर आ गये हैं, वो वर्चस्व की लड़ाई लड़ रहे हैं, सियासी संकट में घिरे चिराग ने कहा कि परिवार ने मेरी पीठ में छुरा घोंपा है, तो बीजेपी ने मझधार में छोड़ दिया, ऐसे में चिराग ने बीजेपी शीर्ष नेतृत्व को याद दिलाया, कि जब बिहार में नीतीश ने उनका साथ छोड़ दिया था, तो उनकी पार्टी लोजपा मजबूती के साथ उनके साथ खड़ी थी।

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मेरा साथ छोड़ दिया
लोकसभा सांसद चिराग पासवान ने द हिंदू को दिये एक इंटरव्यू में कहा कि बीजेपी ने लगता है कि मेरा साथ छोड़ दिया है, क्योंकि बीजेपी के किसी भी नेता ने मुझसे कोई संपर्क नहीं किया, modi chirag ये हमारे लिये दुख की बात है, क्योंकि मेरे पिता ने पूरे दिल से बीजेपी और प्रधानमंत्री का समर्थन किया था, राम मंदिर, सीएए से लेकर ऑर्टिकल 370 हटाने और तीन तलाक के मुद्दे पर हम सरकार के साथ खड़े रहे, जबकि जदयू इन सभी मुद्दों पर उनके साथ नहीं थी, चिराग ने कहा कि संकट की घड़ी में जब मुझे बीजेपी के साथ की जरुरत थी, मुझे उम्मीद थी कि कम से कम वो मेरा साथ देंगे, लेकिन किसी ने कोई संपर्क नहीं किया।

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याद दिलाया
चिराग ने बीजेपी को याद दिलाया कि इस बात को नहीं भूला जाना चाहिये, कि हमने 2014 लोकसभा चुनाव में बीजेपी की ओर से प्रधानमंत्री पद के लिये मोदी का नाम घोषित किये जाने के बाद भी उनसे हाथ मिलाया था, chirag paswan1 जबकि उनके पुराने साथी नीतीश कुमार ने उन्हें छोड़ दिया था, ऐसे में हमारे पिता और हमारे पासवान वोटर्स ही थी, जिन्होने उनका साथ दिया, इसके बाद भी बीजेपी नेताओं ने हमें इस संकट की घड़ी में अकेला छोड़ दिया।

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स्पीकर से मुलाकात
पशुपति पारस को लोजपा संसदीय दल का नेता चुने जाने को लेकर लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला ने जिस तरह से तुरंत सहमति दी है, उसे लेकर चिराग ने शनिवार को स्पीकर से मुलाकात की थी, उन्होने कहा था कि chirag paras (1) स्पीकर से मैंने कहा था कि ये निर्णय लेने से पहले उन्हें कम से कम मुझसे बात करनी चाहिये थी, यहां तक संसद की नियम पुस्तिका भी इसे बहुत स्पष्ट रुप से परिभाषित करती है, संसदीय दल के नेता को पार्टी द्वारा तय किया जाना है, सदस्यों द्वारा नहीं, साथ ही चिराग ने कहा कि इस बात पर भरोसा करना बेहद मुश्किल है, कि लोजपा में हुई इस बगावत का बीजेपी के बड़े नेताओं को पता नहीं रहा होगा।

अपनों ने छुपा घोंपा
चाचा पशुपति पारस की बगावत के बाद अकेले पड़े चिराग पासवान ने कहा कि मेरे ही परिवार के सदस्यों ने मुझे छोड़ दिया, तो मैं किसी और को कैसे दोष दूं, उन्होने मेरी पीठ में छुरा घोंपा, साथ ही चिराग ने लोजपा टूट के लिये जदयू को जिम्मेदार बताते हुए कहा, chirag paswan5 कि नीतीश हमेशा से ही दलित नेतृत्व को बांटने का काम किया है, वो अभी तक मेरे पिता के पीछे थे और अब मेरे खिलाफ हैं, दलितों और महादलितों को विभाजित किया, जिससे अनुसूचित जातियों में एक उपविभाजन हुई, नीतीश दलित समाज को मजबूत होते नहीं देखना चाहते हैं।