2019 में ठुकराने के बाद अब मोदी सरकार में शामिल होने के लिये उत्सुक है नीतीश की पार्टी, Inside Story

अब ये समझना होगा कि 2019 में जिस जदयू ने सिर्फ 1 पद मिलने पर कैबिनेट में शामिल होने से इंकार कर दिया था, आखिर दो साल में ऐसा क्या हो गया जिससे वो उसी मंत्रिमंडल में शामिल होने के लिये बेचैन हैं।

New Delhi, Jun 23 : मोदी सरकार में शामिल होने को लेकर जदयू ने पहली बार मुखर होकर कहा, जिसके बाद बिहार से लेकर दिल्ली तक की राजनीति गरमा गई, बिहार बीजेपी के नेताओं ने भी जदयू के इस मांग का समर्थन कर ये साफ कर दिया कि जदयू के मंत्रिमंडल में शामिल होने से बिहार की एनडीए सरकार को कैसे बड़ा फायदा मिल सकता है, मंगलवार को दिल्ली दौरे पर गये नीतीश कुमार ने भी इशारों में कह दिया कि कैबिनेट विस्तार प्रधानमंत्री का विशेषाधिकार है, यानी मंत्रिमंडल विस्तार में नीतीश की पार्टी के शामिल होने पर अब कोई एतराज नहीं है, जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह ने तो साफ-साफ बोल दिया कि जह भी मंत्रिमंडल विस्तार होगा जदयू शामिल होगा।

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पहले किया था इंकार
अब ये समझना होगा कि 2019 में जिस जदयू ने सिर्फ 1 पद मिलने पर कैबिनेट में शामिल होने से इंकार कर दिया था, आखिर दो साल में ऐसा क्या हो गया जिससे वो उसी मंत्रिमंडल में शामिल होने के लिये बेचैन हैं, बीजेपी से ओर से भी रवैया सकारात्मक दिख रहा है, Modi Nitish दरअसल 2020 में बिहार में एनडीए की सरकार बनी तो कम सीट जीतने के बावजूद नीतीश कुमार को बीजेपी ने मुख्यमंत्री बना दिया था, उसके बाद कई ऐसे मौके आये जब बीजेपी के नेताओं ने ये जताने की कोशिश की है, कि इस बार वाली बीजेपी अब पहले वाली से अलग तेवर वाली सहयोगी पार्टी है।

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क्या है हामी भरने की वजह
शुरुआत में तो जदयू ने शांति बनाये रखा, लेकिन उसके बाद जदयू भी बीजेपी को ये जताने में पीछे नहीं रहा, कि बिहार में नीतीश कुमार ही मुख्यमंत्री हैं, और चलेगी, तो उनकी ही, कुछ दिन बाद बीजेपी और जदयू दोनों ओर से बयानबाजी का दौर बंद हो गया, modi nitish लेकिन अंदर की खबर ये है कि कई बार बीजेपी के नेता ये कहते देखे गये कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का बिहार के विकास के प्रति विशेष लगाव है, कई योजनाओं का लाभ बिहार को केन्द्र से मिला भी है, इसे लेकर बीजेपी ने हक जताने में देर भी नहीं की, भले ही सीएम नीतीश कुमार हैं, लेकिन जिस तरह से कई केन्द्रीय योजनाओं को लेकर बीजेपी की तरफ से श्रेय लेने की कोशिश की गई, तो जदयू में अंदरखाने भी ये बात उठी कि डबल इंजन की सरकार की बात होती है, लेकिन इसका फायदा सिर्फ बीजेपी उठा रही है।

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क्रेडिट लेने की होड़
अगर केन्द्र में जदयू शामिल होगा, तो केन्द्रीय योजनाओं के बारे में जदयू कोटे के बने मंत्री भी जनता को ये बताने की कोशिश करेंगे कि बिहार के विकास में केन्द्र सरकार ने जो योजनाएं दी है, Modi Nitish उसका श्रेय जदयू को भी जाता है, बात सिर्फ इतना तक ही नहीं है, अचानक से लालू के जेल से बाहर आने के बाद राजद नेताओं का समय-समय पर ये बयान आता रहा है कि बिहार में बहुत जल्द खेला होबे, इस कयास का अंत करने के लिये भी जदयू और बीजेपी दोनों चाहती है, कि किसी को कोई संशय ना रहे और हमारा गठबंधन बना रहे। बीजेपी और जदयू के नेताओं और कार्यकर्ताओं में किसी तरह का भ्रम ना हो, इसके लिये भी जदयू मंत्रिमंडल में शामिल होना चाहता है, ताकि सरकार की स्थिरता पर कोई सवाल ना खड़ा हो।