नये अवतार पर गुप्तेश्वर पांडे ने तोड़ी चुप्पी, एंकर से कहा आप मुझे नहीं जानती

गुप्तेश्वर पांडे 1987 बैच के आईपीएस अधिकारी थे, बिहार के कई जिलों में उन्होने काम किया था, पिछले साल हुए बिहार चुनाव से पहले उन्होने अपनी डीजीपी पद से त्यागपत्र दे दिया था, बाद में जदयू में शामिल हो गये।

New Delhi, Jun 27 : बिहार के पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे एक बार फिर से सुर्खियों में हैं, अपने बेबाक बयानों को लेकर चर्चा में रहने वाले पांडे जी ने अब अपने आप को धर्म और अध्यात्म से जोड़ लिया है, अब वो कथा वाचन कर रहे हैं, जब मीडिया ने उनसे सवाल पूछा, तो उन्होने कहा कि ये उनका पैशन रहा है, जब उनकी उम्र 12 साल थी, तब से प्रवचन दे रहे हैं।

Advertisement

आप मुझे नहीं जानती
गुप्तेश्वर पांडे ने एंकर से कहा आप को ये नया भी लग रहा है और अवतार भी लग रहा है, क्योंकि आप मुझे नहीं जानती हैं, जो लोग मुझे बचपन से जानते रहे हैं, उन्हें पता है कि इस विषय में मेरी रुचि बचपन से रही है, मुझे याद है जब मैं 12 साल का था, तब से मैं लोगों को प्रवचन सुनाता था, उन्होने कहा कि मैं कोई पैसा लेकर कथा कहने वाला नहीं हूं, कथा वाचन करना भगवान के गुण को बताना है।

Advertisement

हालात बदलते हैं
जब उनसे सवाल पूछा गया कि खाकी को आपने छोड़ दिया, क्या अब ये माना जाए कि राजनीति में भी आपकी कोई दिलचस्पी नहीं है, तो उन्होने जवाब देते हुए कहा कि देश, काल और हालात के मुताबिक कोई एक गुण जीव में प्रधानता प्राप्त करता है, रजोगुण, तमोगुण और सतोगुण के आधार पर हालात बदलते हैं, साथ ही उन्होने ये भी कहा कि भगवान के अलावा अब किसी भी चीज में मेरी इच्छा नहीं है।

Advertisement

जदयू ने नहीं बनाया उम्मीदवार
मालूम हो कि गुप्तेश्वर पांडे 1987 बैच के आईपीएस अधिकारी थे, बिहार के कई जिलों में उन्होने काम किया था, पिछले साल हुए बिहार चुनाव से पहले उन्होने अपनी डीजीपी पद से त्यागपत्र दे दिया था, बाद में जदयू में शामिल हो गये, कहा गया कि वो जदयू की ओर से चुनाव लड़ेंगे, लेकिन बाद में पार्टी ने उन्हें उम्मीदवार नहीं बनाया, इससे पहले भी 2009 में उन्होने लोकसभा चुनाव बीजेपी की ओर से लड़ने के लिये वीआरएस ले लिया था, लेकिन उस समय भी उन्हें टिकट नहीं मिला था।