पूर्व मंत्री अनिल देशमुख के ट्रस्ट को 3 महीने में मिले बार मालिकों से वसूले 4 करोड़, ED का बड़ा दावा

ईडी के मुताबिक वझे ने देशमुख के निजी सहायक कुंदन शिंदे को पैसे दिये और बाद में इस पैसे का एक हिस्सा दिल्ली में चार शेल कंपनियों के माध्यम से नागपुर के एक चैरिटेबल ट्रस्ट को भेज दिया गया।

New Delhi, Jun 27 : प्रवर्तन निदेशालय ने जांच में आरोप लगाया है, कि निलंबित सहायक पुलिस निरीक्षक सचिन वझे ने महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के निर्देश पर दिसंबर 2020 और फरवरी 2021 के बीच बार मालिकों से करीब 4.7 करोड़ रुपये वसूले, ईडी के मुताबिक वझे ने देशमुख के निजी सहायक कुंदन शिंदे को पैसे दिये और बाद में इस पैसे का एक हिस्सा दिल्ली में चार शेल कंपनियों के माध्यम से नागपुर के एक चैरिटेबल ट्रस्ट को भेज दिया गया।

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ईडी का दावा
ईडी ने देशमुख के निजी सचिव संजीव पलांडे और निजी सहायक कुंदन शिंदे को रिमांड पर लेने के लिये की जा रही सुनवाई के दौरान ये दावा किया, अधिकारियों ने कहा कि पलांडे और शिंदे को कथित रुप से करोड़ों रुपये की रिश्वत सह रंगदारी गिरोह मामले में कथित धनशोधन के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया था, इस मामले में अनिल देशमुख को अप्रैल में इस्तीफा देना पड़ा था, उन्होने कहा कि दोनों के खिलाफ धन शोधन निवारण अधिनियम के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया है, दोनों को एक जुलाई तक ईडी की हिरासत में भेज दिया गया है।

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गुड लक के रुप में भेजा
द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार कहा गया है कि वझे ने शिंदे को सुचारु रुप से काम करने के लिये बार मालिकों से वसूले गये 4.70 करोड़ रुपये गुड लक के रुप में दिये थे, इसमें से करीब 4.18 करोड़ रुपये दिल्ली की 4 कंपनियों ने नकद जमा किये गये थे, जिन कंपनियों में पैसा डाला गया, उनका नाम रिलायबल फाइनेंस कॉरपोरेशन प्रा. लि., वीए रियलकॉन लिमिटेड, उत्सव सिक्योरिटीज लि. और शीतल लीजिंग एंड फाइनेंस है।

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नई तारीख का अनुरोध
इससे पहले दिन में धनशोधन मामले में जांच एजेंसी ने देशमुख को जांच अधिकारी के समक्ष बयान दर्ज कराने के लिये बलार्ड एस्टेट स्थित ईडी ऑफिस में सुबह 11 बजे तलब किया था, लेकिन पूर्व मंत्री ने एजेंसी से पेशी के लिये नई तारीख देने का अनुरोध किया, देशमुख के वकीलों की टीम ईडी ऑफिस पहुंची और उसने पेशी के लिये कोई और तारीख दिये जाने का अनुरोध किया, उन्होने जांचकर्ताओं को देशमुख का लिखा एक लेटर भी सौंपा।