नाबालिग हूं अभी शादी नहीं करनी, जब दुल्हन ने लड़के वालों को किया फोन, फिर

घर वालों ने राधा की शादी बिना उसे बिना बताये तय कर दी थी, इस पर राधा ने अपने परिजनों को कम उम्र में शादी नहीं करने को लेकर काफी समझाया, लेकिन घर वालों ने उसकी एक ना सुनी।

New Delhi, Jul 05 : झारखंड के कोडरमा जिले में एक किशोरी ने घर वालों के खिलाफ जाकर हिम्मत दिखाई, जिसकी खूब तारीफ हो रही है, पढ-लिख कर कुछ करने की चाहत रखने वाली किशोरी की शादी तय हो गई, लेकिन बारात आने से पहले उसने दूल्हा पक्ष को फोन कर शादी करने से इंकार कर दिया, किशोरी ने कहा कि मैं अभी नाबालिग हूं। ये मामला कोडरमा जिले के डोमचांच प्रखंड की मधुबन पंचायत का है, यहां की रहने वाली राधा की उम्र अभी सिर्फ 17 साल है, राधा के माता-पिता ने उसकी शादी तय कर दी थी, उसकी बारात आने वाली थी, लेकिन राधा को फिलहाल शादी करना मंजूर नहीं था, राधा पढ-लिख कर शिक्षिका बनना चाहती है, इसलिये वो इस शादी के खिलाफ थी।

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बिना बताये शादी तय
घर वालों ने राधा की शादी बिना उसे बिना बताये तय कर दी थी, इस पर राधा ने अपने परिजनों को कम उम्र में शादी नहीं करने को लेकर काफी समझाया, लेकिन घर वालों ने उसकी एक ना सुनी, और रिश्ता आगे बढा दिया, जिसके बाद राधा ने लड़के पक्ष वाले को खुद फोन कर कहा कि अभी शादी के लायक उसकी उम्र नहीं है।

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बाल विवाह नहीं कर सकती
राधा ने कहा कि मैं बाल विवाह नहीं कर सकती, मुझे पढ-लिखकर शिक्षिका बनना है, उसने शादी का विरोध किया, तो शादी टल गई, वहीं राधा की इस हिम्मत की खूब तारीफ हो रही है। राधा मधुबन पंचायत की रहने वाली है, राधा के परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है, राधा की 3 बहनें और 2 भाई भी हैं।

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सम्मानित किया
जब इसकी जानकारी कोडरमा उपायुक्त रमेश घोलप को मिली, तो वो राधा के घर मधुबन पहुंच गये, राधा द्वारा जिस जागरुकता के साथ अपनवे परिवार के फैसले का विरोध किया, उसके लिये राधा को प्रशस्ति पत्र, शॉल और किताब उपहार स्वरुप देकर सम्मानित किया गया। अब राधा को बाल विवाह रोकने के प्रेरणा स्वरुप जिले का ब्रांड एंबेसडर भी बनाया जाएगा, इसके अलावा राधा को सुकन्या योजना से भी जोड़ा गया है, जिससे लड़की को पढने-लिखने में मदद मिलेगी, उपायुक्त रमेश घोलप ने कहा कि राधा का ये कार्य दूसरे लड़कियों के लिये प्रेरणादायक होगा।