आर-पार के मूड में पंकजा मुंडे, सही वक्त का इंतजार, पार्टी को अल्टीमेटम

पंकजा मुंडे ने कौरव और पांडवों के बीच हुए धर्मयुद्ध का हवाला देते हुए कहा, जहां तक संभव है, मैं धर्म युद्ध टालने का प्रयत्न कर रही हूं, उन्होने खुद को पांडव बताया, लेकिन कौरव कौन है, इस पर खुलकर कुछ नहीं कहा।

New Delhi, Jul 14 : पूर्व केन्द्रीय मंत्री और दिवंगत गोपीनाथ मुंडे की बेटी महाराष्ट्र की पूर्व मंत्री बीजेपी की नेता तथा प्रदेश में ओबीसी नेतृत्व का दमदार चेहरा है पंकजा मुंडे, लेकिन इन दिनों बीजेपी ने उन्हें हाशिये पर धकेल रखा है, पार्टी में उनके साथ हो रहे कथित अन्याय को चुपचाप सह रही पंकजा ने मंगलवार को इशारों-इशारों में बहुत कुछ कह दिया है। यूं तो कहने को वो अपने समर्थकों को समझा रही थीं, लेकिन इसी बहाने उन्होने दिल का दर्द बयां किया, प्रदेश भर से मुंबई पहुंचे समर्थकों को संबोधित करते हुए पंकजा ने सही समय का इंतजार करने का निर्देश दिया है, उनके इस बयान के बाद राजनीतिक हलके में सवाल उठ रहा है कि क्या बीजेपी को पंकजा का अल्टीमेटम है।

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बड़ी संख्या में समर्थकों ने दिया इस्तीफा
पंकजा मुंडे के साथ बीजेपी में किये जा रहे बर्ताव और अब उनकी छोटी बहन सांसद प्रीतम मुंडे को केन्द्र में मंत्री ना बनाये जाने से नाराज समर्थकों के बड़ी संख्या में इस्तीफे के बाद मंगलवार को वर्ली में पंकज और प्रीतम ने समर्थकों के साथ बातचीत की, जिसमें उन्होने कार्यकर्ताओं के इस्तीफे भी नामंजूर कर दिया, उन्होने कहा कि फैसला लेने का एक सही समय होता है।

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फडण्वीस को बताया कौरव
पंकजा मुंडे ने कौरव और पांडवों के बीच हुए धर्मयुद्ध का हवाला देते हुए कहा, जहां तक संभव है, मैं धर्म युद्ध टालने का प्रयत्न कर रही हूं, उन्होने खुद को पांडव बताया, लेकिन कौरव कौन है, इस पर खुलकर कुछ नहीं कहा, pankaja-munde हालांकि जानकारों का कहना है कि उनका इशारा नेता विपक्ष देवेन्द्र फडण्वीस की ओर था, पूर्व मंत्री ने कहा मेरे नेता नरेन्द्र मोदी, अमित शाह और जेपी नड्डा हैं, ये कहकर उन्होने एक तरह से फडण्वीस को अपना नेता मानने से भी इंकार कर दिया है।

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समाज में फूट डालने की कोशिश
पंकजा ने ये भी कहा, मुझे दिख रहा है कि रास्ता मुश्किल है, पीछे भी मुश्किल था, भले चुनाव हार गई हूं, लेकिन खत्म नहीं हुई हूं, अगर खत्म हो गई होती, तो मुझे खत्म करने की कोशिश भी खत्म हो गई होती, ये कहकर उन्होने संकेत देने की कोशिश की, कि बीजेपी के अंदरुनी राजनीति में उन्हें खत्म करने के प्रयास अभी भी जारी है। पंकजा ने अपने समर्थकों से कहा, कुछ लोग हमारे समाज में फूट डालना चाहते हैं, हमारे खिलाफ समाज के लोगों को खड़ा कर रहे हैं, लेकिन हमें अपनी ताकत को गंवाना नहीं है, बल्कि बढाना है, हालांकि पंकजा ने ये भी कहा कि वो कोई शक्ति प्रदर्शन नहीं कर रही हैं, अगर उन्हें शक्ति प्रदर्शन करना होता, तो मुंबई में गोपीनाथ मुंडे प्रतिष्ठान का ऑफिस बहुत कम जगह है।

मुझे साइडलाइन किया जा रहा
बाद में उन्होने मीडिया से कहा कि पार्टी कार्यकर्ताओं के अंदर ये प्रबल धारणा है कि उन्हें निरंतर नजरअंदाज किया जा रहा है, मेरा नाम विधान परिषद सदस्य के लिये आया था, लेकिन रमेश कराड को चुन लिया गया, मुझे फॉर्म वापस देने को कहा गया, यही चीज भागवत कराड (औरंगाबाद से केन्द्रीय राज्य मंत्री) के साथ भी हुई, मेरे बजाय उन्हें राज्य सभा का टिकट दिया गया।