शिव की पूजा में वर्जित है इन 5 चीजों का प्रयोग, भोलेनाथ हो जाएंगे नाराज

सावन में भगवान शिव की पूजा करने से मनोकामना पूर्ण होती है, लेकिन अति उत्‍साह में कुछ चीजें अर्पित करने से भोलेनाथ आपसे नाराज हो सकते हैं । पढ़ें, शिव पूजा की सावधानियां ।

New Delhi, Jul 24: भगवान शिव को अति प्रिया सावन मास का पहला सोमवार 26 जुलाई को है । इस माह में भगवान भोलेनाथ की विधिवत तरीके से पूजा करने से भक्‍तों की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं । ऐसी मान्‍यता है कि इस पावन मास में स्‍वयं भगवान शिव और माता पार्वती पृथ्वी पर भ्रमण के लिए आते हैं। इसलिए, उन्‍हें प्रसन्‍न कर आप अपना मनोरथ सिद्ध कर सकते हैं । शिव भोलेनाथ हैं क्‍योंकि वे अपने भक्तों पर बहुत जल्द प्रसन्न हो जाते हैं। लेकिन उनकी पूजा में कुछ चीजों का प्रयोग वर्जित है । आगे जान लें इस वस्‍तुओं के बारे में,

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लाल चंदन, हल्‍दी का प्रयोग वर्जित
भगवान शिव को वैरागी माना जाता है, इसीलिए उन्‍हें सौभाग्‍य की वस्‍तुए अर्पित नहीं की जाती । लाल चंदन, हल्‍दी सौभाग्य का प्रतीक है । इसलिए भगवान शिव को लाल रंग का कोई भी चीज अर्पित न करने से बचें ।
गुड़हल का फूल
भगवान शिव को गुड़हल का फूल भी अर्पित नहीं किया जाता ।

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तुलसी
भगवान शिव की पूजा में तुलसी का प्रयोग भूलकर भी ना करें । इसके पीछे मान्‍यता है कि, भगवान शिव ने तुलसी के वृंदा रूप में पति रहे जलंधर का वध किया था । वृंदा के तुलसी रूप को भगवान विष्णु ने लक्ष्मी की तरह प्रिय होने का वरदान दिया था। इसी वजह से तुलसी भोलेनाथ को अर्पित नहीं की जातीं ।

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शंख
शिवपुराण के अनुसार भगवान शंकर ने शंखचूर नामके एक उत्‍पाती असुर का वध क‌िया था । इसल‌िए शिव की पूजा में शंख का प्रयोग ना करें । कई लोग शंख से शिवलिंग को जल अर्पित करने की भूल कर बैठते हैं, ऐसा ना करें ।
तिल का प्रयोग
माना जाता है कि तिल भगवान विष्णु के मैल से पैदा हुआ है, इसलिए भगवान शिव को तिल नहीं अर्पित करते हैं । ऐसा करने से भोलेनाथ शिव नाराज हो सकते हैं।