बीजेपी का गुजरात फॉर्मूला यूपी में भी होगा हिट, जानिये खास रणनीति
बीजेपी गुजरात में हर बार एंटी इनकमबेंसी की काट के लिये पुराने विधायकों का टिकट काटकर नये चेहरे पर दांव लगाती आ रही है, जो कि काफी समय से हिट फॉर्मूला भी रहा है।
New Delhi, Jul 27 : बीजेपी ने यूपी के विधानसभा चुनाव 2022 को लेकर अपनी चुनावी रणनीतियों पर तेजी से काम करना शुरु कर दिया है, यही नहीं बीजेपी एक बार फिर से प्रदेश की सत्ता पर काबिज होने के लिये गुजरात फॉर्मूला अपनाने की तैयारी कर रही है, इसी वजह से यूपी के मौजूदा विधायकों के काफी संख्या में टिकट कट सकते हैं, हालांकि इस समय बीजेपी हाईकमान के आदेश पर सीएम योगी के विधायकों के परफॉरमेंस रिपोर्ट तैयार करवाने की कवायद चल रही है।
नये चेहरों पर दांव
आपको बता दें कि बीजेपी गुजरात में हर बार एंटी इनकमबेंसी की काट के लिये पुराने विधायकों का टिकट काटकर नये चेहरे पर दांव लगाती आ रही है, जो कि काफी समय से हिट फॉर्मूला भी रहा है, सूत्रों के अनुसार बीजेपी आलाकमान इसी फॉर्मूले को अपनाते हुए यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के करीब 100 मौजूदा विधायकों की जगह नये और युवा चेहरों को वरीयता देने की रणनीति पर काम कर रही है। इसके लिये बीजेपी अपने विधायकों की परफॉरमेंस रिपोर्ट तैयार करवा रही है, उसी के आधार पर विधायकों के भविष्य फैसला होगा।
इसी दांव से गुजरात में अजेय है बीजेपी
बीजेपी हर चुनाव में नये चेहरों पर दांव लगाने के इसी फॉर्मूले की वजह से गुजरात की सत्ता पर काफी लंबे समय से काबिज है, जबकि दिल्ली नगर निगम 2017 में हुए चुनाव में भी बीजेपी का गुजरात फॉर्मूला हिट रहा था, जबकि भारी बहुत से दिल्ली की सत्ता पर काबिज केजरीवाल ने खूब ताकत लगाई थी, यही नहीं 2014 में भारी बहुमत से केन्द्र में सरकार बनाने वाली बीजेपी ने 2019 लोकसभा चुनाव में 90 सांसदों के टिकट काटे थे, तो कुछ 75 प्लस उम्र क्राइटेरिया की वजह से पिछड़ गये थे, वहीं 5 सांसदों ने चुनाव से पहले बीजेपी का दामन छोड़ दिया था।
यूपी में लागू हुआ गुजरात फॉर्मूला तो
बीजेपी ने गुजरात फॉर्मूला यूपी में लागू किया, तो 100 से ज्यादा मौजूदा विधायकों के टिकट कट सकते हैं, इनकी जगह पार्टी नये चेहरों पर दांव लगा सकती है, यूपी में अगले साल फरवरी या मार्च में चुनाव हो सकते हैं, 2017 में सूबे की सत्ता पर बीजेपी ने 403 में 312 सीटों पर जीत हासिल की थी, जबकि सपा को 47, बसपा को 19 और कांग्रेस को 7 सीटों पर जीत मिली थी, उस चुनाव में सपा और कांग्रेस ने गठबंधन में चुनाव लड़ा था।