कब तक हम कतराते रहेंगे, चीन पर बोले बीजेपी सांसद सुब्रमण्यम स्वामी, मोदी सरकार करे ये 4 काम

स्वामी ने कहा मोदी सरकार को 4 काम करने चाहिये, सबसे पहले तो सरकार को मोदी और शी जिनपिंग के बीच हुई 18 मुलाकातों को लेकर व्हाइट पेपर प्रकाशित करना चाहिये।

New Delhi, Aug 08 : भारत तथा चीन ने पूर्वी लद्दाख के गोगरा इलाके में अपनी सेनाएं जरुर पीछे कर ली है, लेकिन देपसांग पर रार अभी भी बरकरार है, इसे लेकर बीजेपी राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने सख्त लहजे में टिप्पणी करते हुअ पूछा कि आखिर हम कब तक कतराते रहेंगे, स्वामी ने ट्वीट कर कहा, कि कब तक हम भारत और चीन की सेनाओं के आपसी सहमति से पीछे हटने की खबरों की छल करते रहेंगे, उन्होने पूछा कि क्या चीनी सैनिक देपसांग से पीछे हट गये हैं, नहीं, वहीं बने हुए हैं, उनके इस ट्वीट पर सोशल मीडिया यूजर ने स्वामी से पूछा आखिर समस्या क्या है, किस दुविधा के कारण सरकार ऐसा नहीं कर रही है।

Advertisement

स्वामी का जवाब
यूजर का जवाब देते हुए स्वामी ने कहा मोदी सरकार को 4 काम करने चाहिये, सबसे पहले तो सरकार को मोदी और शी जिनपिंग के बीच हुई 18 मुलाकातों को लेकर व्हाइट पेपर प्रकाशित करना चाहिये, फिर उन्हें अपनी कोई आया नहीं कोई गया नहीं टिप्पीँ को वापस लेना चाहिये, तीसरी सलाब देते हुए उन्होने कहा, भारत द्वारा चीन को आक्रामक घोषित करते हुए जवाबी कार्रवाई की धमकी देनी चाहिये, आखिर में फेक आईडी ट्विटर ग्रुप की जांच की जानी चाहिये।

Advertisement

15 महीने से तनाव
आपको बता दें कि भारत और चीन ने गोगरा में करीब 15 महीने तक तनाव की स्थिति रहने के बाद एक साथ कदम पीछे करने पर रजामंदी जताई है, इलाके में शांति तथा स्थिरता बहाल करने के लिये दोनों तरफ की सेनाओं ने अपने अस्थायी ढांचों को गिरा दिया, साथ ही दोनों की रजामंदी से नो पेट्रोलिंग जोन भी बनाया गया है, जहां सैनिक गश्त नहीं करेंगे।

Advertisement

रार बरकरार
देपसांग में रार बरकरार है, कुछ इलाकों पर चीन ने अपनी सेनाओं को पीछे करने की रजामंदी दी है, लेकिन देपसांग और डेमचोक इलाके में भारतीय सीमा में बने अपने तंबुओं को हटाने की चर्चा को खारिज कर दिया है, India china चीनी सेना इस इलाके में भारत की सेना को दश्ती करने से रोक रही है। देपसांग का इलाका दौलत बेग ओल्डी को काराकोरम दर्रे की तरफ है, चीन ने भारतीय सीमा के 18 किमी अपने तंबू लगाये हैं, सेना का कहना है कि जल्द ही चीन के साथ देपसांग और डेमचोक को लेकर चर्चा तेज की जाएगी, आपको बता दें कि ये पहला मौका नहीं है, जब सुब्रमण्यम स्वामी ने अपनी ही सरकार की नीतियों पर सवाल उठाये हों, वो अकसर आर्थिक और विदेश मामलों को लेकर सरकार की तीखी आलोचना करते रहे हैं।