बंगाल में बाढ, खुद जायजा लेने सड़क पर उतरी ममता बनर्जी, मोदी सरकार को बताया जिम्मेदार

सीएम ममता बनर्जी पश्चिमी मेदिनीपुर जिले में बाढ का जायजा लेने के लिये खुद पहुंची, घाटल के बाढ प्रभावित इलाकों का दौरा करने के बाद केन्द्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि वो केन्द्र सरकार पर प्रेशर बनाने के लिये एक टीम दिल्ली भेजेगी।

New Delhi, Aug 11 : पश्चिम बंगाल के कई जिले भयंकर बाढ की चपेट में है, बाढ की वजह से करीब ढाई लाख लोग बेघर हो गये हैं, वहीं कम से कम दर्जनभर लोगों की मौत की खबर है, सेना राहत और बचाव कार्य में लगी है, साथ ही मुख्यमंत्री ममता बनर्जी खुद बचाव कार्य का नेतृत्व कर रही है।

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खुद जायजा लेने पहुंची
सीएम ममता बनर्जी पश्चिमी मेदिनीपुर जिले में बाढ का जायजा लेने के लिये खुद पहुंची, घाटल के बाढ प्रभावित इलाकों का दौरा करने के बाद केन्द्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि वो केन्द्र सरकार पर प्रेशर बनाने के लिये एक टीम दिल्ली भेजेगी, ताकि परियोजना को जल्द मंजूरी मिल जाए, घाटल मास्टर प्लान के मुताबिक क्षेत्र में नदियों से गाद निकालने, नहरों की मरम्मत और शिलाबाती नदी पर बांध बनाने के लिये कई परियोजनाएं शुरु की जाएगी।

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मानव निर्मित बाढ
सीएम ममता बनर्जी ने कहा ये मानव निर्मित बाढ है, घाटल मास्टर प्लान के हमारे अनुरोधों पर केन्द्र ध्यान नहीं दे रहा है, हमारे बार-बार अनुरोध, बहरे कानों में पड़ रहे हैं, मैंने इलाके का सर्वे कर लिया है, मैं इस पर एक रिपोर्ट तैयार करूंगी। इसके साथ ही ममता दीदी ने झारग्राम से लौटते समय बाढ प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया, उनका हेलीकॉप्टर मोयरापुकुर में उतरा, जहां से वो बाढ प्रभावित लोगों से मिलने गई, अधिकारियों ने बताया कि इलाके के एक सभागार में होने वाली प्रशासनिक बैठक को रद्द कर दिया गया, क्योंकि उसमें पानी भर गया था।

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बाढ की स्थिति
आपको बता दें कि पश्चिम बंगाल के 6 जिलों में बाढ की स्थिति विकराल हो रखी है, पिछले सप्ताह लगातार बारिश की वजह से कम से कम 7 जिलों में बाढ आ गई, कम से कम 23 लोगों की मौत हो चुकी है। लाखों लोगों को बेघर या विस्थापित होना पड़ा है, वहीं दामोदर घाटी निगम बांध द्वारा कथित तौर पर अधिक मात्रा में पानी छोड़े जाने को लेकर सत्तारुढ टीएमसी और बीजेपी के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी शुरु हो गया है। अधिकारियों ने जानकारी दी, कि कुछ दिनों से हो रही बारिश तथा डीवीसी के बांध से पानी छोड़ने से करीब 3 लाख लोग विस्थापित हुए हैं, वहीं पूर्वी बर्द्धमान, पश्चिमी बर्द्धमान, पश्चिमी मेदिनीपुर, हुगली, हावड़ा और दक्षिण 24 परगना के बड़े हिस्से जलमग्न हो गये हैं।