अफगानिस्तान: तालिबान का बढ़ता खौफ, बुर्के के दामों में 10 गुना इजाफा, औरतें घरों में कैद
अफगानिस्तान में तालिबान का कब्जा औरतों के लिए बुरी खबर लेकर आया है । देश में 20 साल पहले जैसे हालात फिर से बनने शुरू हो गए हैं।
New Delhi, Aug 18: अफगानिस्तान में 20 साल बाद फिर से तालिबान सत्ता में आ गया है, इस वापसी के बाद से ही लोगों में डर और खौफ साफ दिखने लगा है । जो लोग तालिबान के पिछले शासन को देख चुके हैं वो ये जानते हैं कि महिलाओं के लिए वो कितना क्रूर समय था । इसी वजह से तालिबान की वापसी से सबसे ज्यादा महिलाएं डरी हुई हैं । महिलाएं घरों से अकेले निकलने में डर रही हैं ।
बढ़ी बुर्के की मांग
महिलाएं घर से बाहर नहीं निकल रही हैं और निकलना भी है तो बुर्का में इसी वजह से वहां बुर्के की मांग बढ़ गई है । नतीजा ये है कि वहां बुर्के की कीमतें आसमान छू रही हैं । मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, काबुल में बुर्के की कीमतें अभी 10 गुना से ज्यादा बढ़ गईं हैं । तालिबान शरिया कानून को मानता है, जिसमें औरतों के लिए आजादी शब्द बना ही नहीं है ।
20 साल पहले ये थे हाल
तालिबान के पिछले शासन में महिलाओं को अपने शरीर और चेहरे को बुर्के से ढंकना पड़ता था । इतना ही नहीं, महिलाएं घर से किसी पुरुष रिश्तेदार के बिना बाहर भी निकल नहीं सकती थीं । 2001 में जब तालिबान का राज खत्म हुआ और चुनी हुई सरकार सत्ता में आई तो महिलाओं को लेकर हालात सुधरने शुरू हुए। महिलाओं को भी पुरुषों की तरह काम करने की इजाजत मिली, लेकिन अब एक बार देश 20 साल पीछे चला गया लगता है ।
घरों में कैद हुई महिलाएं
CNN ने काबुल की एक महिला के बारे में लिखते हुए बताया है कि उसके घर में सिर्फ एक या दो बुर्के हैं, जिसे उसे अपनी बहन और अपनी मां के साथ भी शेयर करना है । महिला के मुताबिक अगर उनके पास बुर्का नहीं होगा तो उन्हें खुद को ढंकने के लिए बेडशीट या किसी और का इस्तेमाल करना होगा । इसके साथ ही न्यूज एजेंसी AP ने एक 25 साल की महिला के हवाले से बताया कि वो कई दिनों से घर से बाहर नहीं निकली हैं । इस युवती ने कहा कि उसे नहीं लगता कि वो बुर्का पहनने के लिए कभी तैयार हो पाऊंगी । मैं इसे नहीं मान सकती. मैं अपने अधिकारों के लिए लड़ूंगी चाहे कुछ भी हो।