दुर्लभ बीमारी से पीड़ित आयांश को लॉटरी से मिला 16 करोड़ का इंजेक्शन, लेकिन

आयांश अपने जन्म के दूसरे महीने से ही दुर्लभ बीमारी एसएमए से ग्रसित हैं, डॉक्टर्स के अनुसार इस बीमारी में खाने-पीने, पैर उठाने और शरीर की दूसरी गतिविधियां करने में समस्या होती है।

New Delhi, Sep 03 : छत्तीसगढ के बिलासपुर के व्यवसायी अंचल और उनकी पत्नी आशु को एक बड़ी राहत मिली है, दुर्लभ बीमारी से ग्रसित उनके 6 महीने के बेटे आयांश को नई जिंदगी मिलने की उम्मीद बढ गई है, क्योंकि उसकी बीमारी के इलाज के लिये लगने वाला 16 करोड़ रुपयों की कीमत वाला इंजेक्शन उन्हें मुफ्त में मिलने जा रहा है, स्विट्जरलैंड की नोवार्टिस कंपनी की ओर से आयोजित लॉटरी सिस्टम में आयांश का नाम आया है।

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16 करोड़ की इंजेक्शन
अब एसएमए यानी स्पाइनल मस्कुलर एस्ट्रोफी से ग्रसित आयांश को बंगलुरु के एक अस्पताल में 16 करोड़ रुपये की कीमत वाला ये इंजेक्शन लगेगा, लेकिन फिलहाल आयांश के इलाज में एक रोड़ा है, वर्तमान में आयांश निमोनिया से पीड़ित हैं, इस बीमारी से ठीक होने के बाद ही मासूम को इंजेक्शन लगाया जाएगा, आयांश बचपन से ही इस दुर्लभ बीमारी से ग्रसित हैं।

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लॉटरी में 100 लोगों का नाम
आयांश अपने जन्म के दूसरे महीने से ही दुर्लभ बीमारी एसएमए से ग्रसित हैं, डॉक्टर्स के अनुसार इस बीमारी में खाने-पीने, पैर उठाने और शरीर की दूसरी गतिविधियां करने में समस्या होती है, इसके इलाज के लिये 16 करोड़ रुपये की कीमत वाला इंजेक्शन लगता है, इंजेक्शन बनाने वाली नोवार्टिस कंपनी हर साल इस दुर्लभ बीमारी से पीड़ित दुनियाभर के 100 लोगों को फ्री में ये इंजेक्शन देती है, इसके लिये कंपनी लॉटरी सिस्टम निकालती है, इस बार उन 100 लोगों में आयांश का भी नाम शामिल है।

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बंगलुरु के अस्पताल में चेकअप
आयांश के पिता अंचल ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि मालिश करने या टीका लगने के दौरान आयांश को उस दर्द का अहसास तो होता था, लेकिन शरीर में इतनी ताकत नहीं थी, कि वो मूवमेंट कर पाये, तभी उन्हें संदेह हुआ कि आयांश में कोई कमी है, बंगलुरु के एक बड़े अस्पताल में भी चेकअप कराया, तो पता चला कि उसे स्पाइनल मर्स्कुलर एस्ट्रोफी है, वहां के डॉक्टर ने साफ कहा कि जब तक उसे 16 करोड़ रुपये का इंजेक्शन नहीं लगेगा, ऐसे ही रहेगा।