इजरायल के साथ कैसे होंगे अफगानिस्तान की नई तालिबान सरकार के संबंध, खुलकर बताया

“हम इजरायल के साथ किसी भी रूप में संबंध नहीं रखेंगे. हम सभी देशों के साथ अच्छे रिश्ते चाहते हैं लेकिन इजरायल का नाम इसमें शामिल नहीं है।”

New Delhi, Sep 11: अफगानिस्तान में तालिबानियों के सत्ता में आने के बाद से ही दुनिया के दूसरे देशों के साथ उसके संबंधों पर चर्चा हो रही है । तालिबान लगभग सभी देशों की तरफ दोस्ती का हाथ बढ़ा रहा है, लेकिन इजरायल को लेकर वो स्‍पष्‍ट कह रहा है कि इस देश से कोई रिश्‍ता नहीं रखेगा । तालिबान के प्रवक्ता ने एक इंटरव्यू में कहा है कि इजरायल को छोड़कर अफगानिस्तान बाकी सभी देशों के साथ रिश्ते कायम करने का इच्छुक है।

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अमेरिका के साथ मिलकर काम करने को तैयार
तालिबान के प्रवक्ता सुहैल शाहीन ने रूसी समाचार एजेंसी स्पूतनिक न्यूज से कहा कि तालिबान अमेरिका के साथ मिलकर काम करने के लिए भी तैयार है।  सुहैल शाहीन ने कहा-  नए अध्याय में अगर अमेरिका हमारे taliban afghanistan india (3)साथ रिश्ता रखना चाहता है तो हम इसका स्वागत करेंगे। ये दोनों देशों के हित में होगा । इजरायल को लेकर सवाल पूछने पर तालिबान के प्रवक्ता सुहैल ने कहा, “हम इजरायल के साथ किसी भी रूप में संबंध नहीं रखेंगे. हम सभी देशों के साथ अच्छे रिश्ते चाहते हैं लेकिन इजरायल का नाम इसमें शामिल नहीं है।”

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पाकिस्‍तान का है साथ
दरअसल अब इसमें कोई संशय नहीं कि तालिबान को अफगानिस्तान की सत्ता में लाने में पाकिस्तान की अहम भूमिका है । जब पाकिस्तान ने आज तक इजरायल को मान्यता नहीं दी है, ऐसे में तालिबान से भी ये उम्मीद नहीं की जा सकती कि वो इजरायल के साथ संबंध रखेगा । आपको बता दें तालिबान ने सत्ता में आने के बाद इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ अफगानिस्तान का नाम बदलकर इस्लामिक अमीरात कर दिया है । तालिबान के मुताबिक वो शरिया के तहत देश चलाएगा । ज्यादातर इस्लामिक देशों के इजरायल से राजनयिक संबंध नहीं हैं । ऐसे में तालिबान की ओर से इजरायल से संबंध ना रखने की बात कहना कोई चौंकाने वाला फैसला नहीं है ।

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इजरायली मीडिया से बात करने को लेकर हुए थे सवाल
दरअसल तालिबान के प्रवक्ता सुहैल शाहीन ने पिछले महीने इजरायल के सरकारी प्रसारक से बातचीत करके सभी को चौंका दिया था। हालांकि, बाद में की ओर से सफाई देते हुए कहा गया था कि उन्होंने अनजाने में इजरायली मीडिया से बात की । शाहीन ने कहा था कि उन्हें बिल्कुल अंदाजा नहीं था कि वह इजरायल की समाचार एजेंसी है । शाहीन ने जब इंटरव्यू दिया तो इजरायली ब्रॉडकास्टर ने उन्‍हें अपने नेटवर्क का नाम बताया था, ये नहीं बताया कि वह चैनल इजरायली है । ये इंटरव्यू जैसे ही ब्रॉडकास्‍ट हुआ  सोशल मीडिया पर लोग हैरानी जताने लगे । कुछ ही घंटों में शाहीन ने ट्वीट कर सफाई दी कि उन्हें नहीं पता था कि वह किससे बात कर रहे थे।

मुस्लिम देश नहीं मानते- इजरायल देश है
आपको बता दें ज्यादातर मुस्लिम देशों की तरह, अफगानिस्तान की सरकार israel new pm (1)ने भी इजरायल की सरकार को मान्यता नहीं दी थी । हालांकि, पिछले वर्ष से यूएई, बहरीन और मोरक्को ने इजरायल के साथ रिश्ते कायम किए थे । जब 1996-2001 के दौरान अफगानिस्तान में तालिबान की सरकार थी तो सिर्फ सऊदी अरब, यूएई और पाकिस्तान ने उसे मान्यता दी थी । लेकिन अब हालात बदल गए हैं ।