दिव्यांगता का मजाक उड़ाते थे लोग, नहीं छोड़ा हौसला, आज हैं देश की जानी-मानी IAS अफसर
IAS अफसर ईरा सहगल हर उस इंसान के लिए मिसाल है जो अपनी शारीरिक कमजोरियों की वजह से आगे बढ़ने में असमर्थ महसूस करता है । आगे पढ़ें ईरा के संघर्ष की कहानी ।
New Delhi, Sep 22: मेहनत करने वालों की कभी हार नहीं होती, खुद पर विश्वास हो तो पूरी दुनिया देखती रह जाती है और आप वो कर जाते हैं जिसकी किसी ने कभी कल्पना तक नहीं की होती । कई लोग ऐसे होते हैं जो शारीरिक दुर्बलताओं या कमियों की वजह से खुद पर विश्वास खो बैठते हैं, दूसरों को खुद पर हावी होने देते हैं और हीन भावना के शिकार हो जाते हैं । लेकिन ईरा सिंघल की कहानी ऐसे सभी लोगों के लिए प्रेरणा है ।
2014 की यूपीएससी टॉपर
दिव्यांग आईएएस अफसर ईरा सिंघल ने अपने हर सपने को सच कर दिखाया, अपनी कमियों को खुद पर हानी नहीं होने दिया । जिस तरह से ईरा अपने जीवन में आगे बढ़ीं और साल 2014 की ऑल इंडिया यूपीएससी टॉपर बनीं, वो एक मिसाल है । वो यूपी के मेरठ से आती हैं, छोटी सी उम्र में ही उन्होंने आईएएस बनने का सपना संजो लिया था ।
लोगों ने उड़ाया मजाक
इरा सिंघल अपने कई इंटरव्यू में इस बात का जिक्र कर चुकी हैं कि जब वो बचपन में आईएएस बनने के बारे में बात करती थीं तो लोग उन्हें चिढ़ाते थे, मजाक बनाते थे कि जब वो ठीक चल नहीं पातीं तो वो आईएएस कैसे बन पाएंगी । इरा कहती हैं कि वो एक मुश्किल समय था लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी । शिक्षा का रास्ता चुना और बीटेक और एमबीए की पढ़ाई पूरी की । प्रतिष्ठित कंपनियों जैसे कोका कोला और कैडबरी में काम किया । लेकिन पढ़ाई भी जारी रखी ।
2010 में पास कर ली थी परीक्षा
ईरा ने 2010 में यूपीएससी की परीक्षा पास कर ली थी, लेकिन दुर्भाग्य कि उन्हें नियुक्ति नहीं दी गई । ईरा ने इस फैसले को चुनौती दी और ‘सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल’ चलीं गईं, यहां उनके हक में फैसला सुनाया गया । कड़े संघर्ष के बाद इरा को 2014 में हैदराबाद में नियुक्ति मिली । ईरा ने इसके बाद कुछ बड़ा करने का सोचा, वो 2014 में एक बार फिर से यूपीएससी की परीक्षा में बैठीं और जनरल कैटेगरी में टॉप कर पूरे परिवार और इलाके का नाम रौशन कर दिया । ईरा, आज देश की जानी मानी प्रशासनिक अधिकारी हैं ।