अतिक्रमण, पुलिस और फोटोग्राफर… जानें असम में क्‍या हुआ, क्‍यों मचा है राजनीतिक घमासान

असम के दरांग जिले में अतिक्रमण हटाने गई पुलिस टीम और लोगों के बीच हिंसक झड़प हो गई, गोलियां चलीं जिसमें दो की मौत हो गई ।

New Delhi, Sep 24: असम आज सुर्खियों में, राजनीतिक दल भी मौका भुनाने में पीछे नहीं । दरअसल असम के दरांग जिले में पुलिस और लोगों के बीच ऐसी हिंसक झड़प हुई कि दो ने अपनी जान गंवा दी, इस बवाल में 9 पुलिसकर्मी भी घायल हो गए हैं । घटना के बाद एक फोटोग्राफर का वीडियो भी चर्चा में है, वायरल हो रहे इस वीडियो में फोटोग्राफर एक मृत के शव के साथ बर्बरता करता दिख रहा है ।

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दरांग में क्‍यों हुआ बवाल?
दरअसल असम के दरांग जिले में गुरुवार को पुलिस और स्थानीय लोगों के बीच हिंसक झड़प हो गई, पुलिस के मुताबिक वहां पर ये लोग अतिक्रमण करने आए थे । पुलिस के पास अतिक्रमण हटाने के आदेश थे । लेकिन टीम की कार्रवाई के दौरान स्थानीय लोगों ने पुलिस पर हमला बोल दिया । उन्हें दौड़ा-दौड़ाकर पीटा गया, लवाबी कार्रवाई करते हुए पुलिस ने भी गोली चला दी, जिसमें दो लोगों की जान चली गई ।

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क्‍या है फोटोग्राफर का मामला ?
दरांग में हालात संभलते, इससे पहले ही बवाल वाली जगह का एक वीडियो वायरल हो गया । इस वीडियो में एक फोटोग्राफर शव के साथ बर्बरता करता दिखाई दे रहा है, वो शव पर कूद रहा था, सीने में लात-घूंसे मार रहा था । हालांकि पुलिस ने उस फोटोग्राफर को गिरफ्तार कर लिया है, इस शख्‍स का नाम बिजय शंकर बनिया है । ये दरांग में जिला कमिश्नर के ऑफिस में काम कर रहा है।

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राजनीति तेज
असम कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष भूपेन कुमार बोरा ने मामले में सरकार को निशाने पर लिया है । बोरा ने कहा – ‘जब से हिमंता बिस्वा सरमा असम के मुख्यमंत्री बने हैं, तब से हर काम में लगभग पुलिस को बहुत ताकत दी गई है और पुलिस भी हर स्थिति से निपटने के लिए गोलियों का सहारा ले रही है, जो नागरिकों के लिए चिंता का विषय है।’ बोरा ने आगे कहा, ‘दरांग के एसपी मुख्यमंत्री के भाई हैं । बड़ा भाई सीएम है, छोटा भाई एसपी है तो क्या जिसे चाहेंगे उसे गोली मारेंगे।  हम ऐसा नहीं होने देंगे।’ वहीं राहुल गांधी ने भी मामले में कहा कि असम राज्य प्रायोजित आग में जल रहा है, मैं असम में अपने भाई-बहनों के साथ खड़ा हूं। वहीं पूरे मामले में असम सरकार का स्टैंड एकदम स्पष्ट है, सरकार का दावा है कि 3000 परिवारों ने 25 हजार एकड़ जमीन पर अपना कब्जा जमा लिया है । इन्‍हें हटाना जरूरी है, उन लोगों दो एकड़ तक जमीन दी जा सकती है, जिनके पास खुद की कोई जमीन नहीं है। लेकिन लोग ये ऑफर लेने को तैयार नहीं ।