एक कार्यक्रम के लिये इतने पैसे लेती हैं जया किशोरी, जानिये कहां करती हैं खर्च

जया किशोरी के परिवार में उनके माता-पिता और एक छोटी बहन है, इनके पिता का नाम शिव शंकर शर्मा है, माता का नाम गीता देवी है, और बहन का नाम चेतना शर्मा है, जया ब्राह्मण परिवार में जन्मीं हैं।

New Delhi, Sep 26 : कथावाचक जया किशोरी आये दिन सोशल मीडिया पर ट्रेंड करती रहती हैं, उनके वीडियो खूब देखे और सुने जाते हैं, जया का जन्म राजस्थान के सुजानगढ में 13 जुलाई 1995 को हुआ था, जया आज अध्यात्म की दुनिया का बड़ा नाम बन चुकी हैं, इंस्टाग्राम और फेसबुक पर उनके लाखों फॉलोवर्स हैं, इनकी कथाओं को सुनने के लिये भारी भीड़ जमा होती है, जया किशोर ने अपने अध्यात्म करियर की शुरुआत भजन गाने से की थी, आज ये सफल कथावाचक और अब मोटिवेशनल स्पीकर भी बन चुकी हैं।

Advertisement

परिवार में कौन-कौन
जया किशोरी के परिवार में उनके माता-पिता और एक छोटी बहन है, इनके पिता का नाम शिव शंकर शर्मा है, माता का नाम गीता देवी है, और बहन का नाम चेतना शर्मा है, जया ब्राह्मण परिवार में जन्मीं हैं, jaya-kishori-ji इनका वास्तविक नाम जया शर्मा है, जया ने कथाओं के साथ-साथ अपनी पढाई भी जारी रखी, उन्होने बीकॉम की पढाई की है, कोलकाता के स्कूल महादेवी बिड़ला वर्ल्ड एकेडमी से इन्होने स्कूली पढाई पूरी की है।

Advertisement

अध्यात्म करियर की कैसे हुई शुरुआत
जया किशोरी ने शुरु से ही अपने घर में भक्ति का माहौल देखा, जिस वजह से उनके मन में भी धीरे-धीरे अध्यात्म के मार्ग की ओर आकर्षित होने लगा, जानकारी के मुताबिक जब जया 6 साल की थी, तो भगवान कृष्ण के लिये जन्माष्टमी पर विशेष पूजा करती थीं, Jaya Kishori1 वो श्रीकृष्ण जी को अपना भाई बंधु मित्र सबकुछ मानने लगी थी, 9 साल की उम्र में उन्होने संस्कृत में लिंगाष्ठ्कम, शिव तांडव, स्त्रोतम, रामाष्ठ्कम आदि कई स्त्रोतों को वाचन शुरु कर दिया था, 10 साल की उम्र में उन्होने सुंदरकांड गाकर लोगों के दिलों में अपनी जगह बना ली।

Advertisement

एक कार्यक्रम के लिये कितनी फीस
जया किशोरी के कार्यक्रम के आयोजन के लिये उनकी वेबसाइट या फिर उनके फोन नंबर पर संपर्क किया जा सकता है, जानकारी के अनुसार जया अपने एक कार्यक्रम की फीस 9.50 लाख रुपये लेती हैं, जिसमें आधी फीस यानी 4.75 लाख रुपये एडवांस देने पड़ते हैं, jaya kishori3 वहीं बाकी पैसे कार्यक्रम के बाद, जया के कार्यक्रमों का लेखा-जोखा तथा आयोजकों तक से बातचीत की जिम्मेदारी उनके पिता की रहती हैं। जया दान-दक्षिणा में भी काफी आगे हैं, जानकारी के मुताबिक जया के कार्यक्रमों से कमाल हुए पैसों का एक बड़ा हिस्सा नारायण सेवा संस्थान में दान स्वरुप जाता है, ये संस्थान दिव्यांगों और अनाथ बच्चों के लिये काम करता है, जया बेटी बचाओ बेटी पढाओं कैम्पेन से भी जुड़ी हुई है, जिसके तहत ये उन बालिकाओं की मदद करती है, जिसकी आर्थिक स्थिति कमजोर है।