होने वाला है बड़ा सियासी उलटफेर, अमित शाह से मिलने दिल्ली आ रहे कैप्टन अमरिंदर सिंह

सीएम पद से इस्तीफा देने के बाद कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि 3-3 बार दिल्ली बुलाकर उनको अपमानित किया गया, उनकी बातों से साफ नजर आया कि वो कांग्रेस नेतृत्व से खासे नाराज हैं।

New Delhi, Sep 28 : कैप्टन अमरिंदर सिंह का सियासी भविष्य क्या है, पंजाब के सीएम पद से इस्तीफा देने के बाद कैप्टन ने कहा कि मेरे पास कई विकल्प हैं, करीबियों से सलाह के बाद बड़ा फैसला लूंगा, इसके बाद से ही कयासों और अटकलों का दौर शुरु हो गया था, कैप्टन चंडीगढ से दिल्ली के लिये रवाना हो चुके हैं, चर्चा है कि शाम को उनकी गृहमंत्री अमित शाह समेत कई बीजेपी नेताओं से मुलाकात होनी है, ऐसे में क्या बीजेपी ज्वाइन करने वाले हैं, इस पर सभी की निगाहें टिकी हुई है, वैसे 2017 के विधानसभा चुनावों से पहले नजरअंदाज किये जाने पर कैप्टन ने कहा था कि तब वो बीजेपी में जाने की सोच रहे थे।

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दिल्ली बुलाकर अपमानित किया
सीएम पद से इस्तीफा देने के बाद कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि 3-3 बार दिल्ली बुलाकर उनको अपमानित किया गया, उनकी बातों से साफ नजर आया कि वो कांग्रेस नेतृत्व से खासे नाराज हैं, उन्होने ये भी इशारों-इशारों में जता दिया, amarinder singh1 कि फिलहाल उनका रिटायरमेंट का कोई इरादा नहीं है, उन्होने कहा कि वो अपने समर्थकों के साथ आगे की रणनीति पर चर्चा करेंगे।

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बीजेपी में शामिल होंगे?
हाल ही में एक टीवी इंटरव्यू में जब कैप्टन अमरिंदर सिंह से पूछा गया कि क्या वो बीजेपी में शामिल होंगे, तो इसके जवाब में उन्होने कहा कि मैं आपको कुछ नहीं बताऊंगा, मैं पहले अपने सहयोगियों से बात करुंगा, इसके बाद ही इस पर फैसला लूंगा, उन्होने कहा कि देश तथा पंजाब की जनता की सोच उनके बारे में उनकी पार्टी की सोच से अलग है, लोग उन्हें रोजाना देशभर से समर्थन के संदेश भेजते हैं।

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बीजेपी के साथ जाएंगे
पिछले दिनों जब कैप्टन दिल्ली आये थे, तो उन्होने पीएम मोदी और केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी, मोदी से उनके व्यक्तिगत संबंध अच्छे बताये जाते हैं, बीजेपी भी उनकी तारीफ कर रही है, तीन मार्च 2018 को पीएम मोदी ने कहा था कि पंजाब में कांग्रेस अपने सीएम को अपना नहीं मानती है, किसान आंदोलन को लेकर पंजाब से ही चिंगारी भड़की थी, amarinder singh modi वर्तमान हालात में बीजेपी की स्थिति प्रदेश में काफी कमजोर बताई जा रही है, 27 साल तक चलने वाला गठबंधन अकाली दल से टूट चुका है, बीजेपी के पास प्रदेश में कोई बड़ा चेहरा दूर-दूर तक नजर नहीं आ रहा, ऐसे में कैप्टन के आने से पार्टी को फायदा हो सकता है।