टाटा ग्रुप ने जीती एअर इंडिया की बोली, सबसे ज्यादा कीमत लगाकर बने नए ‘महाराजा’

एअर इंडिया की बिक्री प्रक्रिया में टाटा समूह ने सबसे ज्यादा बोली लगाकर ये बिड जीत ली है । इस खरीद के लिए टाटा ग्रुप के साथ स्पाइसजेट ने भी बोली लगाई थी ।

New Delhi, Oct 01:सरकारी एयरलाइन एअर इंडिया अब टाटा समूह के नियंत्रण में जाएगी, एअर इंडिया की बिक्री प्रक्रिया में टाटा सन्‍स की ओर से सबसे ज्यादा कीमत लगाकर बिड जीत ली गई है । यह दूसरी बार है जब सरकार ने एअर इंडिया में अपनी हिस्सेदारी बेचने की कोशिश की है । इससे पहले 2018 में सरकार ने कंपनी में 76 फीसदी हिस्सेदारी बेचने की कोशिश की थी, लेकिन त उसे कोई रिस्पांस नहीं मिला था ।

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दिसंबर तक प्रक्रिया होगी पूरी
सूत्रों के हवाले से खबर मिल रही है कि दिसंबर 2021 तक एअर इंडिया Air Indiaकी विनिवेश प्रक्रिया पूरी हो जाएगी, यानी दिसंबर तक यह कंपनी टाटा सन्स को पूरी तरह से सौंपी जा सकती है । आपको बता दे एअर इंडिया की बिक्री के लिए सरकार ने फाइनेंशियल बिड्स मंगवाई थीं, ये सरकार के विनिवेश कार्यक्रम का हिस्सा भी है ।

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एअर इंडिया की शुरुआत
आपको जानकर हैरानी होगी कि एअर इंडिया की शुरुआत 1932 में टाटा ग्रुप ने ही की थी । टाटा समूह के जे. आर. डी. टाटा ने इस समूह की शुरुआत की थी, वो खुद भी एक बेहद कुशल पायलट थे ।Ratan tata आपको बता दें सरकार एअर इंडिया और एअर इंडिया एक्सप्रेस की अपनी 100 फीसदी हिस्सेदारी बेच रही हैं जबकि ग्राउंड हैंडलिंग कंपनी AISATS की 50 फीसदी हिस्सेदारी बेचेगी ।

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कैसे सरकारी कंपनी बनी टाटा की एअर इंडिया?
सेकंड वर्ल्‍ड वॉर के बाद से भारत ने भी सामान्य हवाई सेवा की शुरुआत कर दी थी, तब इसका नाम Air India रखकर इसे एक सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी बना दिया गया । साल 1947 में देश की आज़ादी के बाद एक राष्ट्रीय एयरलाइंस की जरूरत महसूस हुई और भारत सरकार ने Air India में 49% हिस्सेदारी अधिग्रहण कर ली थी । इसके बाद 1953 में भारत सरकार की ओर से जब एअर कॉरपोरेशन एक्ट पास किया गया तब सरकार ने Tata Group से इस कंपनी में ज्‍यादातर हिस्सेदारी खरीद ली थी । इसके बाद से ही Air India पूरी तरह से एक सरकारी कंपनी बन गई । लेकिन अब 2021 में ये कंपनी एकबार फिर टाटा के पास लौट आई है ।

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