पिता के राजनीतिक कद के साथ बढता गया बेटे का रसूख, चुनाव लड़ने की तैयारी में थे, लेकिन

पेशे से खुद को किसान और व्यवसायी कहने वाले केन्द्रीय मंत्री अजय मिश्रा ने ज्यों-ज्यों सियासी तरक्की की सीढियां चढीं, त्यों-त्यों बेटे आशीष की राजनीतिक सक्रियता बढती चली गई, आशीष अजय मिंश्रा के छोटे बेटे हैं।

New Delhi, Oct 04 : लखीमपुर को लेकर कल से यूपी का सियासी पारा चढा हुआ है, इस पूरे प्रकरण में अब तक 8 लोगों की जान जा चुकी है, किसानों की ओर से 4 साथियों की मौत के लिये केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा उर्फ मोनू को जिम्मेदार बताया जा रहा है, अचानक सुर्खियों में आये आशीष के बारे में कहा जा रहा है कि उनका रसूख पिता के राजनीतिक कद के साथ बढता चला गया।

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पिता के साथ तरक्की
पेशे से खुद को किसान और व्यवसायी कहने वाले केन्द्रीय मंत्री अजय मिश्रा ने ज्यों-ज्यों सियासी तरक्की की सीढियां चढीं, त्यों-त्यों बेटे आशीष की राजनीतिक सक्रियता बढती चली गई, आशीष अजय मिंश्रा के छोटे बेटे हैं, ajay mishra बताया जा रहा है कि 2012 में पिता के विधायकी चुनाव का टिकट मिलने के बाद से ही वो राजनीति में एक्टिव हो गये थे, पिता के सियासी कामों के साथ वो पिता के पेट्रोल पंप, राइस मिल और दूसरे व्यवसायों का जिम्मा संभालते रहे हैं।

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सक्रियता बढती चली गई
पिता की रहनुमाई में बीजेपी में उनकी सक्रियता बढती चली गई, वो पार्टी के बड़े नेताओं के संपर्क में आते गये, आशीष सोशल मीडिया पर भी एक्टिव रहे, हालांकि कुछ साल पहले तक वो ज्यादातर अपने पिता के राजनीतिक गतिविधियों के बारे में ही तस्वीरें और जानकारी पोस्ट करते थे, लेकिन इधर उनकी सक्रियता काफी बढ गई, माना जा रहा था कि वो कुछ महीने बाद होने वाले विधानसभा चुनाव में वो निघासन सीट से टिकट के लिये अपना दावा पेश करने वाले थे, आशीष के पास चुनाव का अनुभव भी है, 2012 से अपने पिता का चुनाव प्रचार अभियान संभालते रहे हैं।

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दर्ज हुआ हत्या का मुकदमा
आशीष मिश्रा के खिलाफ लखीमपुर के तिकुनिया थाने में हत्या, आपराधिक साजिश, दुर्घटना तथा बलवा की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। बेटे पर लगे आरोपों पर केन्द्रीय मंत्री ने प्रेस कांफ्रेंस कर सफाई दी, उन्होने कहा कि किसानों के बीच छुपे कुछ उपद्रवी तत्वों ने बीजेपी कार्यकर्ताएं की गाड़ियों पर पथराव किया, लाठी-डंडे से पीटना शुरु कर दिया, अगर मेरा बेटा वहां होता, तो उसकी भी हत्या कर देते। साथ ही आशीष मिश्रा ने भी सफाई दी है, उन्होने कहा कि सुबह 9 बजे से कार्यक्रम खत्म होने तक बनवारीपुर में ही थे, उन्होने अपने ऊपर लग रहे आरोपों को पूरी तरह से निराधार बताया है।