अजब संयोग- श्मशान में खड़े थे नरेन्द्र मोदी, अचानक आया सीएम बनने के लिये फोन, जानिये किस्सा

सीएम चुने जाने से कुछ देर पहले तक मोदी को ये जानकारी नहीं थी, उन्हें अचानक वाजपेयी जी ने फोन किया, उस समय मोदी एक दाह संस्कार के लिये श्मशान में खड़े थे।

New Delhi, Oct 07 : लगातार 2 बार प्रचंड बहुमत से प्रधानमंत्री बनने वाले नेताओं में शुमार नरेन्द्र मोदी को आज संवैधानिक पद पर रहते हुए बीस साल पूरे हो चुके हैं, 7 अक्टूबर 2001 को केशुभाई पटेल से इस्तीफा लेने के बाद नरेन्द्र मोदी को अचानक गुजरात का सीएम नियुक्त किया गया था, हालांकि तब से लेकर अब तक मोदी नाम का मैजिक सिर्फ गुजरात ही नहीं बल्कि पूरे देश में नजर आ रहा है।

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केशुभाई से इस्तीफा
साल 2001 में अचानक गुजरात के तत्कालीन सीएम केशुभाई पटेल से इस्तीफा ले लिया गया था, माना जाता है कि 2001 में भुज में आये भयानक भूकंप के दौरान कुप्रबंधन को लेकर उनसे इस्तीफा लिया गया, कहा जाता है कि गुजरात भूकंप के बाद प्रदेश में तत्कालीन सीएम केशुभाई पटेल के खिलाफ असंतोष था, वहीं दो उपचुनावों तथा स्थानीय चुनाव में भी बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा, ऐसे में पीर्टी नेतृत्व ने मुख्यमंत्री बदलने की सोची, तब अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री और बीजेपी के सर्वेसर्वा था, मोदी गुजरात के संगठन का काम करने दिल्ली में रहते थे।

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वाजपेयी जी ने फोन किया
एक किस्सा ये है कि सीएम चुने जाने से कुछ देर पहले तक मोदी को ये जानकारी नहीं थी, उन्हें अचानक वाजपेयी जी ने फोन किया, उस समय मोदी एक दाह संस्कार के लिये श्मशान में खड़े थे, जब वो अटल जी से मिले, तो उनसे कहा गया कि उन्हें गुजरात वापस जाना है, मोदी समझ चुके थे, कि उन्हें बड़ी जिम्मेदारी देने की तैयारी है। मोदी को अचानक उस समय गुजरात का सीएम बनाया गया, जब पार्टी मुश्किलों से जूझ रही थी, भूकंप के बाद पर्देश के तत्कालीन सीएम केशुभाई पटेल के खिलाफ असंतोष पैदा होने लगा था, हालांकि उस समय वाजपेयी जी ने मोदी पर भरोसा दिखाया और प्रदेश की कमान सौंपी, उस समय गुजरात विधानसभा चुनावों में सिर्फ डेढ साल का समय बचा था, मोदी के सिर पर विपक्षियों के साथ ही पार्टी विरोधी सुरों को भी शांत करने की जिम्मेदारी थी।

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2002 में मिली जीत
सिर्फ 18 महीने के लिये सीएम पद मिलने की वजह से अधिकांश लोगों का मानना था कि मोदी गुजरात में जीत दिलवा पाने में शायद कामयाब ना रहें, उस दौरान गोधरा कांड हुआ जिसमें 58 लोग मारे गये, इसके परिणामस्वरुप गुजरात में हुई हिंसा में एक हजार से ज्यादा लोग मारे गये, खुद मोदी पर दंगे भड़काने के आरोप लगे, हालांकि तमाम संशयों को पीछे छोड़ते हुए मोदी एक बार फिर गुजरात के सीएम बने, इसके बाद 2007 से 2012 में भी मोदी के नेतृत्व में बीजेपी को प्रचंड जीत मिली। गुजरात में अपने विरोधियों को चित करने वाले मोदी को पार्टी ने केन्द्र में बीजेपी का डंका बजवाने के लिये सबसे योग्य पाया, यहीं से मोदी के दिल्ली के सफर की शुरुआत हुई, 2014 में नरेन्द्र मोदी ने लोकसभा चुनाव में बीजेपी को प्रचंड जीत दिलाई, बीजेपी ने 10 साल के सूखे को खत्म किया, और पूर्ण बहुमत से प्रधानमंत्री बने, फिर 2019 में भी उनका जलवा बरकरार रहा, बीजेपी ने बीते आम चुनाव की तुलना में और भी ज्यादा सीटें जीती, नरेन्द्र मोदी लगातार दूसरी बार पीएम बनें।