‘ओए उठ जा… मैंनू देख ले एक वारी’, शहीद फौजी की पत्नी का यह वीडियो कलेजा छलनी कर देगा
शहीद फौजी गज्जन सिंह का शव जब उनके घर पहुंचा तो उनकी पत्नी के सवाल दिल चीर गए, नई ब्याहता के हाथों का चूड़ा भी अभी नहीं उतरा था और ऐसा हो गया ।
New Delhi, Oct 14: पंजाब के रोपड़ के रहने वाले सिपाही गज्जन सिंह सोमवार को जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में आतंकियों के साथ मुठभेड़ के दौरान शहीद हो गए । बुधवार को उनका शव उनके घर पहुंचा, यहां उनकी पत्नी के सवालों का जवाब किसी के पास नहीं था। अभी 8 महीने भी पूरे नहीं हुए थे शादी को, हाथों का चूड़ा तक नहीं उतरा था और वो हो गया जिसकी कल्पना भी इस नई ब्याहता ने नहीं की थी । गज्जन सिंह अपनी दुल्हन को इतना जल्दी अकेला छोड़कर चले जाएंगे, सोच-सोचकर सबका कलेजा फट रहा है ।
फरवरी में हुई थी शादी
इसी साल फरवरी में महीने में 23 सिख रेजिमेंट के जवान गज्जन सिंह ने हरप्रीत कौर का ताउम्र साथ निभाने की कसम खाई थी। रोपड़ में दोनों की बड़ी धूमधाम से शादी हुई थी। गज्ज्न सिंह ने दूल्हा बनकर किसान यूनियन का झंडा फहराया था, सोशल मीडिया पर दूल्हे की ये तस्वीर खूब वायरल हुई थी । अभी दो महीने पहले गज्जन अपने भाई की शादी के लिए घर भी आए थे। लेकिन अबकी आए तो तिरंगे में लिपटकर।
सूनी हुई मांग, पति को पुकार रही हरप्रीत
हरप्रीत के हाथों का चूड़ा तक अभी नहीं उतरा था, उसकी मांग सूनी हो गई। सदमे में दिख रही ये नई ब्याहता पथराई आंखों से पति के पार्थिव शरीर को निहारते हुए बार-बार बस यही कह रही थी- ‘ओए उठ जा… मैंनू तो देख ले एक वारी…’। बुधवार को शहीद गज्जन सिंह की अंतिम विदाई में सबकी आंखें छलछला उठीं । हरप्रीत की आवाज, पति को वो आखिरी पुकार सुनकर सबका कलेजा फटता जा रहा था । वो बस यही रट लगाए हुई थी कि गज्जन बस एक बार उन्हें देख लें….।
बुजुर्ग पिता के लिए मुश्किल समय
बेटा चिता को अग्नि दे ये हर पिता की इच्छा होती है, लेकिन जब पिता को ये काम करना पड़े तो दर्द कितना गहरा होता है ये कौन ही समझ पाएगा । गज्जन सिंह के पिता के भी कुछ ऐसे ही हालात थे । वो खुद को ही नहीं संभाल पा रहे थे, बहू को कैसे संभालते। रुंधे गले, नम आंखों से बस बेटे के अंतिम संस्कार की प्रक्रिया निभा रहे थे। मां को तो बेटे की शहादत की खबर ही नहीं दी गई, वो इतनी बीमार हैं कि उनसे ये बात छिपा ली गई है । आपको बता दें फरवरी में जब गज्जन सिंह की शादी हुई थी तो वह अपनी बारात में किसानी झंडा लेकर गए थे। गज्जन अपनी दुलहन को ट्रैक्टर पर लेकर आए थे। सिंह भी उन पांच जवानों में से एक थे जो सोमवार को पुंछ में आतंकियों से लोहा लेते शहीद हो गए थे।