रजत शर्मा ने योगी से पूछ लिया निजी सवाल, कभी प्यार किया है, ऐसा था सीएम का जवाब
इस इंटरव्यू में रजत शर्मा सीएम योगी के निजी जीवन से संबंधित कई सवाल पूछते हैं, रजत जी सवाल करते हैं, योगी जी ये बताइये, क्या आपने कभी किसी से प्यार किया है।
New Delhi, Nov 13 : यूपी में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं, बीजेपी के चुनाव प्रचार की कमान सीएम योगी संभाल रहे हैं, यूपी चुनाव में तालिबान और अफगानिस्तान का मुद्दा भी उठाया जा रहा है, हाल ही में इस पर सीएम योगी ने कहा था, तालिबान ये बात याद रखे, कि अब भारत मजबूत हाथों में हैं, अगर तालिबान की ओर से भारत की ओर देखा तो एयर स्ट्राइक तैयार रहेगी, इस बीच इंडिया टीवी के संपादक रजत शर्मा के साथ योगी आदित्यनाथ का एक पुराना वीडियो वायरल हो रहा है।
निजी सवाल
इस इंटरव्यू में रजत शर्मा सीएम योगी के निजी जीवन से संबंधित कई सवाल पूछते हैं, रजत जी सवाल करते हैं, योगी जी ये बताइये, क्या आपने कभी किसी से प्यार किया है, इस सवाल का योगी ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया, उन्होने कहा, देखिये मैं एक संन्यासी हूं, और मैं सिर्फ भारत माता से प्रेम करता हूं, मुझे लगता है कि मैं देश के हर बच्चे को प्यार करता हूं, इसके बाद रजत जी अगला सवाल करते हैं, एक तस्वीर आपकी मिली है, जिसमें आप टाइगर को दूध पिला रहे हैं, इस पर योगी कहते हैं जिसमें टाइगर जैसा साहस होगा, वही टाइगर को दूध पिला सकता है।
आपको दिल बहुत कठोर है
रजत शर्मा ने योगी आदित्यनाथ से सवाल किया, आपके साथ जो कॉलेज में पढते थे, उन्होने बताया कि आप 22 साल की उम्र में अचानक गायब हो गये, लोग आपको प्यार करते थे और आपकी प्रखर बुद्धि की सराहना करते थे, लेकिन परिवार को छोड़कर अचानक चले गये थे, इस पर योगी ने बताया मैंने अपने कॉलेज के दिनों में एबीवीपी और आरएसएस के राष्ट्र के प्रति समर्पण को देखा था, जब राम जन्मभूमि आंदोलन बहुत आगे बढा, तो मैं गोरखपुर चला गया।
संन्यास को सेवा से जोड़कर देखना चाहता हूं
योगी ने बताया कि मैंने संन्यास लेने से पहले कुछ प्रश्न अपने गुरुदेव के सामने रखे थे, मैं संन्यास को सेवा से जोड़कर देखना चाहता हूं, उन्होने कहा कि आप पहले गोरक्षपीठ को देखिये, मैं छोटे परिवार से बड़े परिवार में आया हूं, व्यक्ति परिवार के बारे में सोचता है, तो सोच बहुत संकुचित होती है, सही मायने में, यही हिंदुत्व की सोच है, मेरे पिता को जानकारी ही नहीं थी, तो समाचार पत्रों में जब निकला, तो वो मुझे ढूंढते-ढूंढते गोरखपुर पहुंचे। मुझे देखकर उनकी आंखों से आंसू आ गये, बाद में मेरे पिता ने मुझे स्वीकार भी किया।