9 अप्रैल को अष्टमी, कन्या पूजन में इन बातों का रखें ख्याल, नहीं तो हो सकते हैं कंगाल
अष्टमी का व्रत 9 अप्रैल को है । अष्टमी तिथि 8 अप्रैल की रात 11:05 बजे से शुरू होगी जो 9 अप्रैल की रात 01:23 बजे तक रहेगी ।
New Delhi, Apr 08: चैत्र नवरात्रि का शनिवार को आठवां दिन है, इस दिन अष्अमी मनाई जाती है । कइ र्लोग इसी दिन कन्या पूजन के साथ व्रत का परायण भी कर देते हैं । दरअसल, जो लोग 9 दिन का व्रत नहीं रखते वो अष्टमी का व्रत रखते हैं । अष्टमी का व्रत 9 अप्रैल को है । अष्टमी तिथि 8 अप्रैल की रात 11:05 बजे से शुरू होगी जो 9 अप्रैल की रात 01:23 बजे तक रहेगी ।
बन रहे शुभ योग
अष्टमी के दिन यानी 9 अप्रेल के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह 06:02 बजे तक है, सुकर्मा योग दिन में 11:25 बजे से लगेगा. दिन का शुभ मुहूर्त 11:58 बजे लेकर दोपहर 12:48 बजे तक है. आप इन शुभ समय में कन्या पूजन कर सकते हैं.
10 अप्रैल को रामनवमी की पूजा
चैत्र नवरात्रि की नवमी राम नवमी के रूप में मनाई जाती है । मान्यता है कि नवमी को अयोध्या के राजा राम का जन्म हुआ था । इसलिए नवरात्रि के नौंवे दिन रामनवमी के रात को लोग रामजन्मोत्सव के रूप में मनाते हैं । नवमी तिथि का प्रारंभ 10 अप्रैल की रात 01:23 बजे से हो रहा है, जो 11 अप्रैल की सुबह 03:15 बजे तक है । इस दिन सुकर्मा योग दोपहर 12:04 बजे तक है । इसके अतिरिक्त, 10 अप्रैल को रवि पुष्य योग, सर्वार्थ सिद्धि योग पूरे दिन है । इस दिन आप कभी भी कन्या पूजन व कन्या भोजन करा सकते हैं।
इन बातों का रखें ध्यान
अष्टमी के दिन व्रत का परायण करने वाले लोग हवन व कन्या पूजन के बाद ही भोजन करें । यदि गलती से भी आप पहले खा लेते हैं तो मां नाराज हो सकती हैं । कन्या पूजन के लिए बनने वाला खाना सात्विक होना चाहिए । कन्या पूजन में 9 कन्याएं और एक बालक को भोजन कराने का विधान है । कन्याओं के पैर धुलाकर उन्हें टीका लगाएं, दक्षिणा देना ना भूलें । बच्चियों को इचछानुसार तोहफे भी दे सकते हैं । कन्या पूजन के बाद कन्याओं का पैर छूकर आशीर्वाद लेना ना भूलें ।