बेटे ने बचाई पिता की जान, लिखा ‘अब आप मेरे जिगर का टुकड़ा’, जमकर हो रही तारीफ
सोशल मीडिया पर एक बेटे की जमकर तारीफ हो रही है, इस बेटे ने अपने पिता की जान बचाई है । पूरी खबर पढ़कर आपकी आंख भी नम हो जाएंगे ।
New Delhi, May 02: सोशल मीडिया पर बेटियों की परिवार के लिए किए गए कई कामों की दिल छू लेने वाली कहानियां अकसर सामने आती रहती हैं । लेकिन एक बेटे ने कुछ ऐसा किया है, जिसे जानकर आपकी आंख भी नमक हो जाएगी । दरअसल एक व्यक्ति का लिवर पूरी तरह से डैमेज हो गया था, ऐसे में उनके बेटे ने अपने लिवर का 65 प्रतिशत हिस्सा अपने पिता को डोनेट कर दिया। अगर बेटा समय पर अपने पिता को लिवर डोनेट नहीं करता, तो 6 महीनों के अंदर उनकी मौत हो सकती थी।
पिता के लिए कुछ भी करने को तैयार
पिता और बेटे की ये भावुक कहानी ह्यूमन्स ऑफ बॉम्बे नाम के इंस्टाग्राम पेज पर शेयर की गई है । जिसमें युवक ने अपने पिता की लिवर सर्जरी का खुलासा करते हुए बताया कि उनके पिता का लिवर पूरा तरह से डैमेज हो चुका था। ऐसे में उनके पास महज 6 महीने का वक्त था, सबसे हैरानी भरी बात यह थी कि उस युवक के पिता ने जिंदगी भर शराब या सिगरेट का सेवन नहीं किया था। ऐसे में उनका लिवर डैमेज हो जाना परिवार के लिए गहरे सदमे वाली बात साबित हुई, जबकि इलाक के दौरान युवक के पिता ने उसने कहा कि वह मरना नहीं चाहते हैं और अपने बेटे को ग्रेजुएट होते हुए देखना चाहते थे। लेकिन इससे पहले कि युवक कुछ कर पाता, वह कोरोना महामारी की दूसरी लहर में कोविड का शिकार हो गया।
बहुत परेशान रहा युवक
कोविड होने के कारण वह अपने पिता से दूर एक कमरे में बंद था और दिन भर रोता रहता था । क्योंकि वह जानता था कि इस मुश्किल वक्त में उसके पिता को उसकी जरूरत है। लेकिन कोविड की वजह से वह अपने पिता के पास नहीं जा पा रहा था, जिसकी वजह से वह काफी विवश हो गया। बाद में जब वो कोरोना से जंग जीत गया तो उसने फौरन अपने पिता को लिवर डोनेट करने का फैसला किया। इसके बाद डॉक्टर्स ने युवक के लिवर की जांच की और लिवर मैच हो जाने के बाद सर्जरी शुरू कर दी।
65 फीसदी हिस्सा किया डोनेट
इस बेटे ने अपने लिवर का 65 प्रतिशत हिस्सा डोनेट कर अपने पिता की जान बचाई, इस पूरी सर्जरी में उनके 20 लाख रुपए खर्च हो गए । इस बेटे ने न सिर्फ अपने पिता को लिवर देकर उनकी जान बचाई, बल्कि सर्जरी की टेंशन के बीच ग्रेजुएशन के एग्जाम देकर पास होने में सफलता भी प्राप्त की थी। पिता और पुत्र की यह कहानी बहुत भावुक कर देने वाली है, जिसे पढ़कर हर कोई उनकी हिम्मत और प्यार की तारीफ कर रहा है।