‘मोदी नहीं बल्कि कोई योगी जैसा ही इनको ठीक कर सकता है’ कुमार के ट्वीट पर जबरदस्त रिएक्शन
कुमार विश्वास ने खबर साझा करते हुए कविता लिखी है, उन्होने लिखा, सियासत में तेरा खोया या पाया हो नहीं सकता, तेरी शर्तों पे गायब या नुमाया हो नहीं सकता, भले साजिश से गहरे दफ्न मुझ को कर भी दो पर मैं, सृजन का बीज हूं मिट्टी में जाया हो नहीं सकता।
New Delhi, May 03 : दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के खिलाफ दिये गये बयान को लेकर पंजाब पुलिस ने कुमार विश्वास के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है, हालांकि पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने कविराज की गिरफ्तारी पर रोक लगाते हुए कहा कि इससे इंकार नहीं किया जा सकता कि कुमार विश्वास के खिलाफ एफआईआर राजनीतिक मकसद से दर्ज की गई है, कोर्ट के फैसले पर कुमार विश्वास ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है।
कविता के जरिये अपनी बात
कुमार विश्वास ने खबर साझा करते हुए कविता लिखी है, उन्होने लिखा, सियासत में तेरा खोया या पाया हो नहीं सकता, तेरी शर्तों पे गायब या नुमाया हो नहीं सकता, भले साजिश से गहरे दफ्न मुझ को कर भी दो पर मैं, सृजन का बीज हूं मिट्टी में जाया हो नहीं सकता, आपको बता दें कि 4 जुलाई तक गिरफ्तारी पर रोक लगाते हुए हाईकोर्ट ने कहा कि जिस शिकायत को लेकर कुमार विश्वास के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है, उसका कुमार विश्वास से कोई संबंध नजर नहीं आ रहा है।
लोग दे रहे प्रतिक्रिया
कुमार विश्वास के पक्ष में फैसला आने के बाद तमाम सोशल मीडिया यूजर्स इस पर रिएक्ट कर रहे हैं, राजीव नाम के एक यूजर ने लिखा, केजरीवाल को अब हद में रखने के लिये कानून और कानूनी दंड दोनों की जरुरत है, केन्द्र सरकार को कड़े कदम उठाने चाहिये, ताकि ये हद में रहें, वैसे मोदी के रहते मुमकिन नहीं है, योगी जैसा ही कोई इन्हें ठीक कर सकता है। रितेश नाम के यूजर ने लिखा, भगवंत मान जी पड़ गया फटका, हो गई बेईज्जती, क्या नाम कराया है पंजाब का, वाह।
किस मकसद से कहा था
संदीप कुमार नाम के यूजर ने लिखा, आपने चुनाव से पहले किस मकसद से बोला था गुरुदेव, ये तो बता दीजिए, आयुषी पाठक नाम की एक यूजर ने लिखा, आप सच का उजाला हो कविवर जो कभी अंधेरे से ढका नहीं जा सकता, पंकज नाम के यूजर ने लिखा, वो कवि ही क्या जो सत्ताधारियों में अपनी लेखनी से खौफ ना पैदा कर दे, कुमार विश्वास जी पर ये कार्रवाई सत्ता पक्ष की बौखलाहट का नतीजा सी लगती है।
सियासत मैं तेरा खोया या पाया हो नहीं सकता,
तेरी शर्तों पे ग़ायब या नुमॉंया हो नहीं सकता,
भले साज़िश से गहरे दफ़्न मुझ को कर भी दो पर मैं,
सृजन का बीज हूँ मिट्टी में ज़ाया हो नहीं सकता।”
🇮🇳❤️🙏 pic.twitter.com/KClZuXDRkI— Dr Kumar Vishvas (@DrKumarVishwas) May 2, 2022