नवजोत सिंह सिद्धू के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, 1 साल जेल, जानिये पूरा मामला

सिद्धू के खिलाफ रोडरेज का ये मामला साल 1988 का है, सिद्धू का पटियाला में पार्किंग को लेकर 65 वर्षीय गुरनाम सिंह नाम शख्स के साथ झगड़ा हो गया था, आरोप के मुताबिक दोनों के बीच हाथापाई भी हुई।

New Delhi, May 19 : 34 साल पुराने रोडरेज के मामले में पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू को सुप्रीम कोर्ट ने 1 साल की सजा सुनाई है, आपको बता दें कि हमले में एक बुजुर्ग की मौत हो गई थी, इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें 1000 रुपये का जुर्माना लगाकर छोड़ दिया था, सिद्धू को अब या तो गिरफ्तार किया जाएगा, या फिर वो सरेंडर करेंगे, पंजाब पुलिस को इस मामले में कानून का पालन करना होगा। आपको बता दें कि नवजोत सिंह सिद्धू इस समय पटियाला में हैं, सुबह उन्होने महंगाई के मुद्दे पर केन्द्र सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया था, सितंबर 2018 में उन्होने सजा के खिलाफ रिव्यू पिटीशन फाइल की थी।

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27 दिसंबर 1988 का मामला
सिद्धू के खिलाफ रोडरेज का ये मामला साल 1988 का है, सिद्धू का पटियाला में पार्किंग को लेकर 65 वर्षीय गुरनाम सिंह नाम शख्स के साथ झगड़ा हो गया था, आरोप के मुताबिक दोनों के बीच हाथापाई भी हुई, sidhu1 जिसमें सिद्धू ने कथित तौर पर गुरनाम सिंह को मुक्का मार दिया, बाद में गुरनाम सिंह की मौत हो गई, पुलिस ने इस मामले में सिद्धू और उनके दोस्त रुपिंदर सिंह सिद्धू के खिलाफ गैर-इरादतन हत्या का केस दर्ज किया था।

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सेशन कोर्ट ने किया था बरी
मामला कोर्ट में पहुंचा, सुनवाई के दौरान सेशन कोर्ट ने सिद्धू को सबूतों के अभाव में 1999 में बरी कर दिया था, फिर पीड़ित पक्ष सेशन कोर्ट के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट पहुंच गया, nAVJOT Singh sidhu  2006 में हाईकोर्ट ने सिद्धू को 3 साल कैद की सजा और 1 लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई थी। हाईकोर्ट से मिली सजा के खिलाफ सिद्धू सुप्रीम कोर्ट पहुंच गये, कोर्ट ने 16 मई 2018 को सिद्धू को गैर इरादतन हत्या के आरोप में लगी धारा 304 से बरी कर दिया, हालांकि आईपीसी की धारा 323 यानी चोट पहुंचाने के मामले में सिद्धू को दोषी ठहरा दिया गया, इसमें उन्हें जेल की सजा नहीं हुई, सिद्धू को सिर्फ 1 हजार रुपये जुर्माना लगाकर छोड़ दिया गया।

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पीड़ित परिवार की ये मांग
सुप्रीम कोर्ट के इसी फैसले के खिलाफ अब मृतक के परिवार ने पुनर्विचार याचिका दाखिल की है, nanjot singh sidhu उनकी मांग है कि हाईकोर्ट की तरह नवजोत सिंह सिद्धू को आईपीसी की धारा 304 के तहत कैद की सजा होनी चाहिये, सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका को स्वीकार कर लिया, जिस पर आज फैसला सुनाया गया है।