जमीन किसने और कितनी दी, जानिये लालू परिवार पर क्या है आरोप, FIR में किसका-किसका नाम?

जमीन किसने और कितनी दी, इसका भी पूरा जिक्र एफआईआर में दर्ज किया गया है, सीबीआई ने एफआईआर में लालू परिवार के 4 सदस्यों के साथ जमीन देकर नौकरी लेने वाले 12 व्यक्तियों का भी ब्योरा दिया है।

New Delhi, May 21 : रेलवे नियुक्ति घोटाला मामले में सीबीआई द्वारा दर्ज की गई एफआईआर में वैसे लोगों को भी नामजद किया गया है, जिन्होने लालू परिवार को जमीन देकर नौकरी पाई हैं, जमीन किसने और कितनी दी, इसका भी पूरा जिक्र एफआईआर में दर्ज किया गया है, सीबीआई ने एफआईआर में लालू परिवार के 4 सदस्यों के साथ जमीन देकर नौकरी लेने वाले 12 व्यक्तियों का भी ब्योरा दिया है, ये सारी जमीन राजधानी पटना में ही है, इनका कुल रकबा 1,05,292 वर्ग फुट है, सर्किल रेट के मुताबिक अभी इसकी कीमत 4,39,80,650 रुपये है।

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1.राजकुमार, मिथलेश कुमार तथा अजय कुमार को नौकरी देने के नाम पर किशुन देव राय तथा उनकी पत्नी सोनमतिया देवी ने 6 फरवरी 2008 को महुआबाग की 3375 वर्गफुट जमीन राबड़ी देवी के नाम ट्रांसफर कराई गई, जमीन की कीमत 3.75 लाख रुपये दिखाई गई, जिसके एवज में तीनों को सेंट्रल रेलवे, मुंबई में नौकरी मिली।
2.संजय राय, धर्मेन्द्र राय, रविन्द्र राय ने अपने पिता कामेश्वर राय की महुआबाग की 3375 वर्गफुट जमीन 6 फरवरी 2008 को पूर्व सीएम राबड़ी देवी के नाम पर रजिस्ट्री की, जिसके एवज में उन्हें सेंट्रल रेलवे, मुंबई में ग्रुप डी की नौकरी मिली।

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3.किरण देवी नाम की महिला ने 28 फरवरी 2007 को बिहटा की अपनी 80905 वर्गफुट जमीन लालू की बड़ी बेटी मीसा भारती के नाम कर दी, इस जमीन के एवज में किरण देवी को 3.70 लाख रुपये तथा उनके बेटे अभिषेक कुमार को सेंट्रल रेलवे मुंबई में नौकरी मिली।
4.हजारी राय ने महुआबाग की अपनी 9527 वर्गफुट जमीन 10.83 लाख रुपये लेकर मेसर्स एके इंफोसिस के नाम लिख दी, इसके एवज में हजारी के दो भांजे दिलचंद कुमार, प्रेमचंद कुमार को पश्चिम सेंट्रल रेलवे, जबलपुर, तथा दूसरे को पूर्वोत्तर रेलवे कोलकाता में नौकरी दी गई, जांच में पता चला कि इस कंपनी की सारी संपत्ति पूरे अधिकार के साथ 2014 में लालू की बेटी और पत्नी को ट्रांसफर कर दिया गया।
5.लाल बाबू राय ने महुआबाग की अपनी 1360 वर्गफुट जमीन 23 मई 2015 को राबड़ी देवी के नाम ट्रांसफर की, जिसके बदले में लाल बाबू को 13 लाख रुपये मिले, इससे पहले ही उनके बेटे लालचंद कुमार को 2006 में उत्तर-पश्चिम रेलवे, जयपुर में नौकरी मिली थी।

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6.ब्रजनंदन राय ने महुआबाग की अपनी 3375 वर्गफुट जमीन 29 मार्च 2008 को गोपालगंज निवासी ह्दयानंद चौधरी को 4.21 लाख रुपये लेकर ट्रांसफर की, बाद में ये जमीन ह्दयानंद ने लालू प्रसाद की बेटी हेमा यादव के नाम कर दी, जमीन जब तोहफे में दी गई, तब उसका सर्किल रेट 62.10 लाख रुपये था, ह्दयानंद चौधरी को पूर्व मध्य रेलवे, हाजीपुर में 2005 में नौकरी मिली।
7.विशुन देव राय ने महुआबाग की अपनी 3375 वर्गफुट जमीन 29 मार्च 2008 को सिवान के रहने वाले ललन चौधरी के नाम ट्रांसफर की, ललन ने जमीन हेमा यादव को 28 फरवरी 2014 को तोहफे में दे दी, सीबीआई के अनुसार इस तोहफे के बदले में विशुन देव राय के पोते पिंटू कुमार को पश्चिम रेलवे मुंबई में नौकरी दी गई।

क्या है मामला
आरोप के अनुसार लालू यादव साल 2004 से 09 तक केन्द्रीय रेल मंत्री थे, तो बगैर किसी विज्ञापन के कई लोगों को रेलवे में चतुर्थ वर्गीय पद पर नौकरी दी गई, नौकरी के एवज में उनके या उनके परिवार के सदस्यों से जमीन ली गई, ये जमीन राबड़ी देवी, मीसा भारती, हेमा यादव और दिल्ली की एके इंफोसिस्टम प्रा. लि. कंपनी के नाम पर 5 सेल डीड और 2 गिफ्ट डीड के जरिये हस्तांतरित की गई।