राजस्‍थान अब भी है BJP की टेंशन, गडकरी को मिल सकती है वसुंधरा राजे को मनाने की जिम्मेदारी

राजस्‍थान में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं, लेकिन वसुंधरा राजे की पार्टी से नाराजगी बनी हुई लगती है । खबर है कि अब गडकरी को उन्‍हें मनाने की जिम्‍मेदारी मिल सकती है ।

New Delhi, Jun 16: देश के कई राज्‍यों में विधानसभा और उसके बाद हुए राज्यसभा चुनाव में मिली जीत से भाजपा उत्साहित है। लेकिन एक राज्‍य है जहां बीजेपी की टेंशन बरकरार है । राजस्थान को कैसे जीता जाए, इसे लेकर बीजेपी की चिंता बरकरार है। आपको बता दें राजस्थान में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं। और ऐसी खबरें हैं कि राज्य की सबसे बड़ी नेता वसुंधरा राजे पार्टी से नाराज हैं ।

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राज्‍य की कमान किसे?
राजस्थान में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर भाजपा नेतृत्व जल्दी ही राज्य में किसी वरिष्ठ नेता को बतौर चुनाव प्रभारी की कमान सौंप सकता है। ऐसी खबरें हैं कि पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष नितिन गडकरी या कोई और प्रभावी नेता राजस्थान की कमान संभाल सकते हैं। दरअसल राजस्थान में वसुंधरा राजे समर्थक और विरोधी खेमों में बंटी पार्टी केंद्र की लगातार कोशिशों के बावजूद एकजुट नहीं दिख रही है। ऐसे में केंद्रीय नेतृत्व सामूहिक नेतृत्व में चुनाव मैदान में जाने की तैयारी में है, लेकिन एक धड़ा अब भी वसुंधरा को आगे रखने का दबाव बनाए हुए है।

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खेमेबाजी अनी चुनौती
बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व ने पिछले महीने जयपुर में राष्ट्रीय पदाधिकारियों की एक बैठक कर नेताओं को एकजुट कर सामूहिक नेतृत्व में आगे बढ़ाने की पहल की थी। इस बैठक में पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने साफ संकेत दिए थे कि विधानसभा चुनाव में पार्टी सामूहिक नेतृत्व में चुनाव मैदान में जाएगी। बावजूद इसके खेमेबाजी कम होती नहीं दिख रही है।
राज्यसभा चुनाव में सामने आए मतभेद
हाल ही में राज्यसभा चुनाव में बीजेपी समर्थित निर्दलीय उम्मीदवार सुभाष चंद्रा की हार में भी पार्टी के मतभेद सामने आए । पार्टी की एक विधायक शोभारानी कुशवाहा ने तो क्रॉस वोटिंग तक की। शोभा रानी कुशवाहा वसुंधरा के गृह क्षेत्र धौलपुर से विधायक हैं। इसके साथ ही बात करें पिछले विधानसभा चुनाव की तो, केंद्रीय नेतृत्व ने मौजूदा केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को प्रदेश अध्यक्ष बनाने की कोशिश की थी, लेकिन तब भी वसुंधरा समर्थक के दबाव में पार्टी शेखावत को आगे नहीं कर सकी थी। मदन लाल सैनी को कमान सौंपी गई थी।

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सचिन पायलट को लेकर कलह
दरअसल, राजस्थान कांग्रेस में अंदरूनी कलह जब बढ़ी तब भी सचिन पायलट को लेकर भाजपा में मतभेद कायम रहे थे । हालांकि पायलट अब भी कांग्रेस से बगावत नहीं की । इसके बाद राज्य में हुए विधानसभा उपचुनाव में भी बीजेपी को झटका लगा । वहीं दूसरी ओर कांग्रेस लगातार मजबूत बनी रही है। बीजेपी के लिए यह बड़ी चिंता का कारण भी है। चूंकि, राजस्थान के विधानसभा चुनाव लोकसभा के ठीक पहले होने हैं जिसका असर लोकसभा चुनावों पर भी पड़ सकता है।
गडकरी को कमान
सूत्रों के अनुसार, बीजेपी नेतृत्व अब राज्य में खेमेबाजी को रोकने के लिए पार्टी के किसी बड़े नेता को बतौर चुनाव प्रभारी जिम्मेदारी सौंपना चाहती है । इनमें दो वरिष्ठ केंद्रीय मंत्री और पूर्व अध्यक्ष नितिन गडकरी के नाम उभर सकता है। दरअसल, गडकरी और वसुंधरा के व्यक्तिगत संबंध बेहतर रहे हैं। पहले भी जब वसुंधरा राजे का केंद्रीय नेतृत्व से टकराव हुआ था तब नितिन गडकरी ने पार्टी की कमान संभालने के बाद ही उसे समाप्त करवाया था।