दुश्मन के लिए काल हैं भारत की ये 10 खतरनाक कमांडो फोर्स, नाम सुनकर कांपते हैं दुश्‍मन

भारतीय सेना के पास दुनिया से भी घातक, खतरनाक कमांडो फोर्स हैं । ऐसी ही 10 कमांडो फोर्स के बारे में आगे पढ़ें । नाम सुनकर ही दुश्‍मन खौफ खाते हैं ।

पैरा एसएफ या पैराशूट कमांडो
इस स्‍पेशल कमांडो फोर्स के जवानों ने डोगरा रेजिमेंट की घातक टुकड़ी के साथ मिलकर पाकिस्तान में सर्जिकल स्ट्राइक की थी । इन्हें पैराशूट कमांडो भी कहते हैं । इस फोर्स को 1965 में बनाया गया था । इनकी ट्रेनिंग 9 महीने की होती है । खतरनाक और जानलेवा ट्रेनिंग के बाद जब कैडेट पास होता है उसे मरून टोपी मिलती है । ये कमांडो 30 से 35 हजार की ऊंचाई से छलांग लगाने की भी प्रैक्टिस करते हैं । वर्तमान में देश में पैरा एसएफ की कुल 9 बटालियन है।

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मार्कोस
भारत की ये कमांडो फोर्स नेवी सील्स कहलाई जाती है । इन्हें भारतीय नौसेना के लिए तैयार किया जाता है, ये जमीन और आसमान कहीं भी दुश्मन के दांत खट्टे करने का दम रखती है । भारत की मार्कोस फोर्स में फिलहाल 1200 कमांडो हैं । 1987 में बनाई गई इस फोर्स के कमांडो को दुनिया के सभी आधुनिक हथियार चलाने की ट्रेनिंग दी जाती है । ये ऐसे स्नाइपर्स होते हैं, जो दूर से ही दुश्मन को निशाना बना देते हैं ।
कोबरा
ये कमांडो फोर्स 2008 में बनाई गई थी । इस फोर्स का पूरा नाम कमांडो बटालियन फॉर रिजॉल्यूट एक्शन (CoBRA) है । इनकी तीन महीने की ट्रेनिंग होती है । फिलहाल इस फोर्स में 10 हजार कमांडो हैं । इन्हें गोरिल्ला ट्रेनिंग और नक्सल वॉरफेयर के लिए ट्रेन्ड किया जाता है । ये दुनिया की बेस्ट पैरामिलिट्री फोर्स में से एक हैं ।

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एनएसजी
इस कमांडो फोर्स ने खुद को हर उस मौके पर साबित किया है जब जब देश को खतरा हुआ है । फि वह 26/11 हो या फिर अक्षरधाम मंदिर का हमला । एनएसजी का पूरा नाम राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड है, इसका गठन 1984 में हुआ था । फिलहाल इसमें 10 हजार सक्रिय कमांडो हैं । इसमें देश के किसी भी सैन्य, अर्द्धसैनिक बल या पुलिस से जवान शामिल हो सकते हैं । 14 महीने टफ ट्रेनिंग होती है ।
गरुड़
ये कमांडो फोर्स भारतीय वायु सेना की घातक कमांडो फोर्स है । इसे फरवरी 2004 में बनाया गया था । इनका मुख्य काम एयर असॉल्ट, एयर ट्रैफिक कंट्रोल, क्लोज प्रोटेक्शन, सर्च एंड रेसक्यू, आतंकरोधी अभियान, डायरेक्ट एक्शन, एयरफील्ड्स की सुरक्षा आदि होता है । इनकी ट्रेनिंग 72 हफ़्तों की होती है । गरुड़ कमांडो रात में हवा और पानी में मार करने के लिए एक्सपर्ट होते हैं। फिलहाल इस फोर्स में 1780 गरुड़ कमांडो हैं।

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एसपीजी
एसपीजी कमांडो बनाने की वजह थी की साल 1984 में प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या, जिसके एक साल बाद 1985 में एसपीजी फोर्स बनाई गई । इस फोर्स में कुल 3000 सक्रिय जवान हैं । इस समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इकलौते हैं, जिनका प्रोटेक्शन एसपीजी के हाथ में है । ये सूट-बूट में दिखते हैं, सूट के अंदर कई तरह के हथियार छिपे होते हैं ।
घातक कमांडो
ये कमांडो अपने नाम की तरह ही बहुत घातक है । इस फोर्स को भी 1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में बनाया गया था । घातक प्लाटून आमने-सामने की लड़ाई के लिए दक्ष होती है । इनकी ट्रेनिंग पैरा कमांडो की तरह होती है ।  पाकिस्तान में हुई सर्जिकल स्ट्राइक में पैरा-एसएफ के साथ इसी टुकड़ी ने हमला किया था ।

फोर्स वन
मुंबई में 26/11 आतंकी हमले के बाद फोर्स-1 कमांडो बल बनाए गए । इसे महाराष्ट्र की सरकार ने बनाया था ताकि दोबारा ऐसी घटना न हो । यह हर समय आपदा या हमले का सामना करने के लिए तैयार रहते हैं । फिलहाल इस फोर्स में 300 कमांडो हैं. इनकी ट्रेनिंग NSG कराती है।
सीआईएसएफ
इस फोर्स का गठन 10 मार्च 1969 में हुआ था । सीआईएसएफ का पूरा नाम सेंट्रल इंडस्ट्रियल सिक्योरिटी फोर्स है । ये ज्यादातर इंटरनेशनल एयरपोर्ट की सुरक्षा में नजर आते हैं । इसके अलावा वीआईपी जगहों की भी देखभाल करते हैं । 26/11 मुम्बई हमले के बाद प्राइवेट सेक्टर की सिक्योरिटी में भी इनकी तैनाती होने लगी।
स्वाट
SWAT Commando Force का पूरा नाम है Special Weapons and Tactics ।  इनका गठन 1965 की भारत पाकिस्तान जंग के बीच हुआ था । इस कमांडो ग्रुप में सभी जवान 28 की उम्र से कम के होते है । हर राज्‍य में सवात की अपनी अलग टुकउ़ी होती है । यह घात लगाकर हमला करने में माहिर होते हैं ।