शिंदे गुट के बिना भी बीजेपी बना सकती है महाराष्ट्र में सरकार, नंबरगेम समझिए

शिवसेना के पास अभी 55 विधायक हैं, जिसमें से 39 ने उद्धव ठाकरे के खिलाफ ही मोर्चा खोल दिया है । शिंदे गुट के मुताबिक उद्धव गुट कमजोर हो गया है ।

New Delhi, Jun 29: महाराष्ट्र की सियासी लड़ाई अब उद्धव सरकार के लिए खतरा बनकर सामने आ गई है । राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने गुरुवार को ही विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने का ऐलान किया है । बीजेपी की मांग पर राज्यपाल ने कहा कि 30 जुलाई यानी गुरुवार को महाराष्ट्र विधानसभा में फ्लोर टेस्ट होगा । जानकारी दी गइ र्है कि फ्लोर टेस्ट सुबह 11 बजे शुरू होगा और किसी भी सूरत में 5 बजे से पहले इसे पूरा कर लिया जाए । हालांकि इस आदेश पर अंतिम फैसला सुप्रीम कोर्ट का होगा, क्‍योंकि राज्‍यपाल के खिलाफ शिवसेना सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है ।

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राजनीतिक हालात चरमराए
राज्यपाल भगत सिंह कोश्‍यारी ने कहा है कि प्रदेश की राजनीतिक स्थिति बहुत अच्छी नहीं है । ताजा हालात की बात करें तो, शिवसेना के 39 विधायक पहले ही महा विकास अघाड़ी गठबंधन से अलग होने की बात कह चुके हैं । वहीं 7 निर्दलीय विधायकों ने भी पत्र लिखकर उद्धव सरकार से समर्थन वापस लेने की बात कही है । गवर्नर के फ्लोर टेस्ट के लिए डेडलाइन तय करने के बाद अब अगर उद्धव सरकार को सदन में बहुमत साबित करना पड़ा तो ऐसी स्थिति में उनका नंबरगेम फेल हो सकता है । शिवसेना गठबंधन समेत अल्‍पमत में है । ऐसा दावा शिंदे गुट का है।

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उद्धव गुट की परेशानी
उद्धव गुट के लिए ये भी चिंता की बात है कि सरकार में शामिल दो विधायक कोरोना पॉजिटिव हैं, जबकि सहयोगी एनसीपी के दो विधायक जेल में हैं । यानी कुल 43 विधायकों का हिसाब-किताब बिगड़ा हुआ है । महा विकास अघाड़ी के साथी प्रहार पार्टी के दो विधायक और 7 निर्दलीय भी उद्धव सरकार से दूरी बनाने की तैयारी में हैं । वहीं शिवसेना ने भी 16 विधायकों को अयोग्य करार देने की प्रक्रिया शुरू कर दी है । शिवसेना ने 16 बागी विधायकों की सदस्यता रद्द करने की मांग डिप्टी स्पीकर नरहरि जिरवाल से की है, इसे लेकर अब शिंदे गुट सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है । शिंदे गुट के पास शिवसेना के 39 विधायक हैं । तर्क दिया जा रहा था कि उनके पास दो-तिहाई विधायक हैं, इसी वजह से उनके खिलाफ दल-बदल कानून के तहत कार्रवाई नहीं हो सकती ।

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सत्ता में NDA की वापसी कैसे संभव
महाराष्ट्र विधानसभा में कुल 288 सीटें हैं, लेकिन शिवसेना के एक विधायक के निधन के बाद 287 विधायक हो गए हैं । अब सरकार बनाने के लिए 144 विधायकों की जरूरत होती है । NCP के पास 53 विधायक हैं, कांग्रेस के पास 44 विधायक और शिवसेना के पास 55 विधायक हैं । लिहाजा तीनों दलों की बात करें तो कुल मिलाकर उनके पास 152 विधायक होते हैं । इसके अलावा महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी में कई छोटे-छोटे दल भी शामिल हैं, लेकिन शिवसेना में हुई बगावत ने सारा खेल बिगाड़ दिया है । शिवसेना की अगुवाई वाली महा विकास आघाड़ी का बीवीए के 3, सपा के 2, पीजेपी के 2, पीडब्ल्यूपी के एक और 8 निर्दलीय विधायक समर्थन कर रहे हैं । वहीं भारतीय जनता पार्टी के पास 106 विधायक हैं और सात निर्दलीय व अन्य विधायकों का समर्थन है । बात एनडीए की करें तो उसके पास कुल 113 विधायकों का समर्थन है ।

शिंदे गुट के बिना भी बीजेपी बना सकती है सरकार
एक एंगल ये भी है कि अगर एकनाथ शिंदे गुट के बागी विधायकों को अयोग्य ठहरा दिया जाए तो क्‍या होगा, तब येवोट नहीं दे पाएंगे । 287 विधायकों के लिहाज से बहुमत के लिए 144 विधायकों का समर्थन चाहिए, लेकिन शिंदे गुट के 39 विधायक फ्लोर टेस्ट में शामिल नहीं होते हैं और चार महा विकास अघाड़ी के शामिल नहीं होते तो बहुमत के लिए 121 विधायकों का आंकड़ा चाहिए होगा । ऐसी हालत में स्थिति में बीजेपी के 113 विधायकों के साथ-साथ 16 निर्दलीय और अन्य विधायक भी साथ खड़े हैं। इस तरह से एनडीए का आंकड़ा 129 पर पहुंचता है जबकि उद्धव सरकार सदन में बहुमत साबित करने में सफल नहीं हो पाएगी।