फ्लोर टेस्ट से गायब रहे 11 कांग्रेसी विधायक, सामने आई हैरान करने वाली वजह, नई चर्चा शुरु

पूर्व सीएम अशोक चव्हाण समेत 11 कांग्रेस विधायकों ने फ्लोर टेस्ट में वोट नहीं किया, जिस पर पार्टी के कुछ नेताओं ने चिंता जाहिर की।

New Delhi, Jul 05 : महाराष्ट्र के नये सीएम एकनाथ शिंदे ने एक और अग्निपरीक्षा पास करते हुए विधानसभा में भी बहुमत हासिल कर लिया है। सोमवार को हुए फ्लोर टेस्ट में एकनाथ शिंदे को 164 वोट मिले हैं, हालांकि इस दौरान विपक्ष के कई विधायकों ने वोट नहीं डाला, प्रदेश के पूर्व सीएम तथा कांग्रेस विधायक अशोक चव्हाण भी इसमें शामिल हैं, बताया जा रहा है कि करीब 11 विधायक विधानसभा पहुंचते समय ट्रैफिक में फंस गये थे।

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11 विधायकों ने वोट नहीं किया
दरअसल पूर्व सीएम अशोक चव्हाण समेत 11 कांग्रेस विधायकों ने फ्लोर टेस्ट में वोट नहीं किया, जिस पर पार्टी के कुछ नेताओं ने चिंता जाहिर की, इतना ही नहीं इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक नेताओं ने इसे उनकी लापरवाही बताया है, हालांकि दूसरी तरफ अशोक चव्हाण ने बताया कि वो ट्रैफिक में फंस गये थे, चव्हाण ने कहा कि हमें 2 या 3 मिनट की देरी हुई और गेट बंद कर दिये गये।

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इन्होने भी नहीं किया वोट
अशोक चव्हाण के अलावा जिन लोगों ने वोट नहीं डाला, उनमें प्रणति शिंदे, जितेश अंतापुरकर, विजय वड्डेतिवार, जीशान सिद्दीकी, धीरज देशमुख, कुणाल पाटील, राजू आवाले, मोहन हम्बर्दे, शिरीष चौधरी और माधवराज जावलगांवकर शामिल हैं, महाराष्ट्र के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि उनकी अनुपस्थिति से ये चर्चा शुरु हो गई थी, कि उनमें से कुछ विधायक अन्य दलों के संपर्क में हैं, विधायकों के इस ग्रुप द्वारा ये व्यवहार बहुत चौंकाने वाला है, ये उनकी लापरवाही को दिखाता है।

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ऐसा कभी-कभी होता है
हालांकि महाराष्ट्र के प्रभारी एच के पाटिल ने कहा कि 8 विधायक देर से आये, और लॉबी में इंतजार करने लगे, वो बारिश और यातायात में फंस गये होंगे, कभी-कभी ऐसा हो जाता है, वहीं एक अन्य वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कहा कि फ्लोर टेस्ट के दौरान सही से तैयारी नहीं की गई, यहां तक कि सदस्यों की उपस्थिति की निगरानी करने वाला भी कोई नहीं था। बांद्रा विधायक सिद्दीकी ने कहा कि हमने सोचा था कि पहले बहस होगी, फिर मतदान होगा, लेकिन मतदान पहले शुरु हो गया, कोई मीटिंग नहीं हुई, हमें 11 बजे पहुंचने के लिये कहा गया, ट्रैफिक की वजह से मैं भी देर से पहुंचा और हम लॉबी में थे, हमने स्पीकर को हमें अंदर जाने की अनुमति देने के लिये एक नोट भेजा था, लेकिन हमें कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली। इसके अलावा प्रणति शिंदे ने भी वोट नहीं डाला, प्रणति पूर्व केन्द्रीय मंत्री सुशील शिंदे की बेटी हैं। आपको बता दें कि एकनाथ शिंदे को बहुमत के लिये 144 विधायकों के मत चाहिये थे, पहले फ्लोर टेस्ट ध्वनि मत के जरिये होना था, लेकिन विपक्ष के हंगामे के चलते नहीं हो पाया, इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने हेड काउंट के जरिये मतदान कराया, इसमें विधानसभा के एक-एक सदस्य से पूछा कि वो किसके साथ हैं, इस वोटिंग में एकनाथ शिंदे के पक्ष में 164 विधायकों ने वोट डाला, विपक्ष में सिर्फ 99 वोट ही पड़े।