मां काली को सिगरेट फूंकते दिखाया, कौन है लीना मणिमेकलई? बना चुकी है विवादित फिल्म

लीना मणिमेकलई ने अपनी डॉक्यूमेंट्री फिल्म को हाल ही में कनाडा में प्रमोट किया, इस फिल्म के पोस्टर में देवी काली का रुप लिये एक एक्ट्रेस सिगरेट पीती नजर आ रही हैं।

New Delhi, Jul 05 : नुपूर शर्मा द्वारा मोहम्मद पैगम्बर पर कथित आपत्तिजनक टिप्पणी का मामला ठंडा भी नहीं हुआ था, कि अब हिंदू देवी-देवताओं के अपमान का मामला सामने आया है, फिल्ममेकर लीना मणिमेकलई ने काली नाम से एक डॉक्यूमेंट्री बनाई है, जिसमें उन्होने मां काली को सिगरेट फूंकते हुए दिखाया है, लीना के इस फिल्म को लेकर हिंदू सवाल उठा रहे हैं।

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सिगरेट पी रही
लीना मणिमेकलई ने अपनी डॉक्यूमेंट्री फिल्म को हाल ही में कनाडा में प्रमोट किया, इस फिल्म के पोस्टर में देवी काली का रुप लिये एक एक्ट्रेस सिगरेट पीती नजर आ रही हैं, वहीं उसके दूसरे हाथ में एलजीबीटी समुदाय का झंडा दिख रहा है, लीना मणिमेकलई ने ऐसा करके हिंदूओं की भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया है, लीना की इस हरकत पर लोग ना सिर्फ उन्हें बल्कि फिल्म की प्रोड्यूसर आशा पोन्नाचन को भी लताड़ लगा रहे हैं।

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कौन है लीना मणिमेकलई
लीना मणिमेकलई एक फिल्ममेकर, कवियित्री और एक्ट्रेस है, उनके 5 कविता संकलन प्रकाशित हो चुके हैं, साथ ही वो डॉक्यूमेंट्री और एक्सपेरिमेंटल पोयल फिल्मस भी बना चुकी हैं, उन्हें कई इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में अवॉर्ड भी मिल चुके हैं, लीना ने 2002 में शॉर्ट डॉक्यूमेंट्री मथम्मा से करियर की शुरुआत की, 20 मिनट की ये डॉक्यूमेंट्री चेन्नई के पास अरक्कोणम के गांव मंगट्टचेरी में अरंधतियार समुदाय के बीच प्रचलित प्रथा के बारे में था, जिसमें उस समुदाय की लड़कियों को उनके देवता को समर्पित कर दिया जाता है।

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विवादों से पुराना नाता
लीना मणिमेकलई की पहली फीचर फिल्म सेंगडल है, जो 2011 में बनी, इस फिल्म में दिखाया गया है कि श्रीलंका में एथनिक वॉर की वजह से धनुषकोड़ि में मछुआरो का जीवन कैसे प्रभावित हुआ, सेंसर बोर्ड ने शुरुआत में इस फिल्म को ये कहते हुए सर्टिफिकेट देने से मना कर दिया था कि इस फिल्म में श्रीलंका और भारत सरकार पर अपमानजनक तथा राजनीतिक टिप्पणी करने के साथ ही असंसदीय शब्दों का इस्तेमाल किया गया है, काफी कानूनी लड़ाई के बाद जुलाई 2011 में ये फिल्म रिलीज हो पाई थी।