एयर इंडिया के बाद एक और सरकारी कंपनी हुई टाटा की, 12,100 करोड़ रुपये में डील

ओडिशा स्थित स्टील निर्माता कंपनी एनआईएनएल के विनिवेश की प्रक्रिया जनवरी 2021 से जारी थी, इसके लिये आमंत्रित की गई बोलियों में टाटा समूह की टीएसएलपी को 31 जनवरी 2022 को विजेता घोषित किया गया था।

New Delhi, Jul 05 : एयर इंडिया के बाद अब एक बार फिर से एक सरकारी कंपनी टाटा ग्रुप में शामिल हो गई है, टाटा स्टील लांग प्रोडक्ट्स लिमिटेड या टीएसएलपी ने 12100 करोड़ रुपये में नीलांचल इस्पात निगम लिमिटेड का अधिग्रहण किया है, केन्द्र सरकार ने सोमवार को इसकी जानकारी दी है, आइये पूरी खबर आपको विस्तार से बताते हैं।

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टाटा की कंपनी ने लगाई बोली
ओडिशा स्थित स्टील निर्माता कंपनी एनआईएनएल के विनिवेश की प्रक्रिया जनवरी 2021 से जारी थी, इसके लिये आमंत्रित की गई बोलियों में टाटा समूह की टीएसएलपी को 31 जनवरी 2022 को विजेता घोषित किया गया था, टाटा ने घाटे में चल रही एनआईएनएल के लिये 12100 करसोड़ रुपये की बोली लगाई थी, इसके बाद 2 फरवरी को लेटर ऑफ अवॉर्ड जारी किया गया था, 10 मार्च को शेयर खरीद समझौते पर हस्ताक्षर किये गये थे, 4 जुलाई को सभी संयुक्त उद्यम भागीदारों के 93.71 फीसदी शेयरों के हस्तांतरण के बाद एनआईएनएल टाटा की हो गई।

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इन कंपनियों की हिस्सेदारी
एनआईएनएल एक संयुक्त उद्यम है, जिसमें 4 सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियां भी शामिल है, इनमें मेटल एंड मिनरल्स ट्रेडिंग कॉर्प लिमिटेड 49.78 फीसदी, नेशनल मिनरल डेवलपमेंट कॉर्प 10.10 फीसदी, भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड 0.68 फीसदी, मेकॉन लिमिटेड 0.68 फीसदी की हिस्सेदारी है, इसके साथ ही ओडिशा सरकार की दो इकाइयों ओएमसी तथा इपिकॉल की 20.47 तथा 12 फीसदी हिस्सेदारी है, अन्य हिस्सा बैंकों तथा बीमा कंपनियो के पास है।

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ये कंपनियां भी रेस में
टाटा के अलावा इस सरकारी कंपनी के लिये बोली लगाने वालों में जिंदल स्टील एंड पावर, नलवा स्टील एंड पावर, जेएसडब्लयू स्टील भी शामिल थी, टाटा स्टील के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने एक बयान जारी कर कहा कि वो एक साल के भीतर नीलांचल इस्पात की क्षमता को बढाकर 11 लाख टन सलाना करने पर विचार कर रहे हैं। आपको बता दें कि मोदी सरकार के कार्यकाल में ये दूसरा बड़ा विनिवेश है, इससे पहले एयर इंडिया को टाटा समूह के हाथों में सौंपा गया था, अब दूसरी कंपनी भी टाटा की ही झोली में पहुंची है, आपको बता दें कि लगातार घाटे में रहने के चलते एनआईएनएल संयंत्र मार्च 2020 से बंद था।