राष्ट्रपति भवन, पीएम आवास में मजे काट रहे प्रदर्शनकारी, जानिये क्या है मांग?

प्रदर्शनकारियों ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि जब तक राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे और प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे अपने पदों से इस्तीफा नहीं देते, तब तक वो राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के आवास पर कब्जा रखेंगे।

New Delhi, Jul 11 : पड़ोसी देश श्रीलंका संकट के दौर से गुजर रहा है, यहां की जनता राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे तथा पीएम रानिल विक्रमसिंघे का इस्तीफा मांग रही है, लोगों ने राष्ट्रपति भवन और पीएम आवास पर डेरा डाल दिया है, देश की अति सुरक्षित ये जगहें लोगों के लिये पिकनिक स्पॉट बन चुकी है।

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इस्तीफा मांग रहे
प्रदर्शनकारियों ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि जब तक राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे और प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे अपने पदों से इस्तीफा नहीं देते, तब तक वो राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के आवास पर कब्जा रखेंगे, टेंपल ट्री, जिसे श्रीलंका के पीएम आवास के रुप में भी जाना जाता है, के अंदर लोगों को कैरम बोर्ड खेलते और सोफे पर आराम करते देखा जा सकता है, उनमें से कुछ सोते भी दिखे। पार्क के भीतर भी प्रदर्शनकारियों और स्थानीय लोगों की भीड़ देखी जा सकती थी, श्रीलंकाई पीएम के घर के भीतर एक प्रदर्शनकारी ने कहा कि हम प्रदर्शनकारियों ने खाना बनाना यही शुरु कर दिया है, हम पीएम के घर के भीतर हैं, हमने पीएम विक्रमसिंघे और राष्ट्रपति राजपक्षे के इस्तीफे के लिये संघर्ष किया है, हम इस कैम्पस से तभी बाहर निकलेंगे, जब वो इस्तीफा देंगे।

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श्रीलंका में क्या हो रहा
श्रीलंका की राजधानी कोलंबो में राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के आधिकारिक आवास पर हजारों प्रदर्शनकारियों ने धावा बोल दिया, जिससे उन्हें एक अज्ञात स्थान पर भागने के लिये मजबूर होना पड़ा, प्रदर्शनकारी नारेबाजी कर इस्तीफे की मांग कर रहे हैं, प्रदर्शनकारियों ने पीएम रानिल विक्रमसिंघे के निजी आवास पर आग लगा दी, लोगों के गुस्से के बीच राष्ट्रपति राजपक्षे 13 जुलाई को इस्तीफा देंगे, जबकि प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे इस्तीफा दे चुके हैं।

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छद्म कैबिनेट की बैठक
राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के आवास पर रविवार को सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों ने छद्म कैबिनेट बैठक की, उनके नेतृत्व वाली सरकार का उपहास उड़ाने के लिये आईएमएफ के साथ चर्चा की। छद्म कैबिनेट मीटिंग में प्रदर्शनकारियों ने पीएम रानिल विक्रमसिंघे के घर पर हुई आगजनी पर चर्चा की, उन्होने आईएमएफ की एक नाटकीय चर्चा की, जिसमें एक विदेशी शामिल था, ऐसा लग रहा है कि राजपक्षे भूमिगत हो गये हैं।

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