सफल बिजनेसमैन से ऑटो ड्राइवर, आनंद महिंद्रा ने इस शख्स को बताया अपना स्टार्टअप हीरो

जिस ऑटो रिक्शा चालक की कहानी आनंद महिंद्रा ने पोस्ट की है, उनका नाम परमजीत सिंह है, बैटर इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक 1984 से पहले वो दिल्ली में रसना (रेडी टू मेड एनर्जी ड्रिंक) के इकलौते डिस्ट्रीब्यूटर थे।

New Delhi, Jul 26 : महिंद्रा एंड महिंद्रा के चेयरमैन आनंद महिन्द्रा ने दिल्ली के एक ऑटो रिक्शा चालक को अपना स्टार्टअप हीरो बताया है, उन्होने ऑटोरिक्शा चालक से संबंधित एक ऑर्टिकल को ट्विटर पर साझा किया है, इसके साथ ही लिखा है, ये मेरे स्टार्टअप हीरो हैं। जो इन्होने किया उसके लिये सिर्फ एक बिजनेस शुरु कर देने से अधिक जूनून और हिम्मत चाहिये, इन्होने अपना जीवन एक बार नहीं दो बार फिर से शुरु किया और उसे नई दिशा दी।

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1984 दंगों में गंवाया सबकुछ
जिस ऑटो रिक्शा चालक की कहानी आनंद महिंद्रा ने पोस्ट की है, उनका नाम परमजीत सिंह है, बैटर इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक 1984 से पहले वो दिल्ली में रसना (रेडी टू मेड एनर्जी ड्रिंक) के इकलौते डिस्ट्रीब्यूटर थे, Anand_Mahindra  उनके पास 7-8 ऑटो थे, जिससे वो दिल्ली में दुकानों पर रसना की सप्लाई करते थे, 1984 सिख दंगों में उनका कारोबार तबाह हो गया, रसना की डीलरशिप हाथ से चली गई, उसके बाद उन्होने दूसरी कंपनियों से हाथ मिलाने की कोशिश की, लेकिन सफल नहीं हो सके, फिर टैक्सी चलाने लगे।

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मौत के मुंह से बाहर आये
करीब 7 साल बाद उनके साथ एक भयानक हादसा हुआ, मसूरी में उनका बेहद दर्दनाक सड़क दुर्घटना हुआ, वो करीब 13 दिन कोमा में रहे, हालांकि किसी तरह जान बच गई, उनके घुटने और हाथ की हड्डियां टूट गई थी, ठीक होने में उन्हें काफी लंबा समय लगा, फिर उन्हें एक स्ट्रोक भी आया, लेकिन यहां भी मौत छू कर निकल गई, अब परमजीत सिंह दिल्ली में ऑटो रिक्शा चलाते हैं।

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सोशल मीडिया पर तारीफ
आनंद महिंद्रा की पोस्ट पर कई लोगों ने कमेंट कर परमजीत सिंह के जज्बे को सलाम किया है, हालांकि कुछ लोगों ने इसे सिस्टम की असफलता भी कहा है, एक यूजर ने लिखा जो रसना को और बड़ा बना सकते थे, उन्हें दंगों के कारण ऑटो रिक्शा चलाना पड़ा, ये भारत का बड़ा नुकसान है, उन्हें अगला रसना कंपनी बनाने के लिये सही समर्थन की आवश्यकता है।

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