सुधीर चौधरी को आलोचक क्यों कहते हैं 100 करोड़ का तिहाड़ी, इसके पीछे की पूरी कहानी जानिये?
सुधीर चौधरी ने इन खबरों को सिरे से खारिज कर दिया, साथ ही इसे बकवास बताते हुए चैनल पर दबाव बनाने का आरोप लगाया।
New Delhi, Jul 27 : जी न्यूज छोड़कर हाल ही में आजतक ज्वाइन करने वाले सुधीर चौधरी जबरदस्त चर्चा में हैं, सुधीर दूसरी पारी में करीब 10 साल जी न्यूज में रहे, उन्हें चैनल का सर्वेसर्वा कहा जाता था, हालांकि उनके नाम कई विवाद भी है, जेल तक जाना पड़ा, आइये आपको वो पूरा मामला बताते हैं कि आखिर उन्हें पसंद नहीं करने वाले लोग उन्हें क्यों तिहाड़ी कहते हैं, आखिर क्या था वो मामला।
नवीन जिंदल का आरोप
चर्चित कारोबारी तथा पूर्व कांग्रेस सांसद नवीन जिंदल ने जी न्यूज के दो संपादकों पर संगीन आरोप लगाये थे, जिसमें उन्होने 100 करोड़ रुपये रंगदारी मांगने का आरोप लगाया था, दोनों वरिष्ठ संपादकों का भंडाफोड़ करने के लिये 2012 में 13 सितंबर से 19 सितंबर के बीच स्टिंग ऑपरेशन को अंजाम दिया गया, सुधीर चौधरी तथा समीर अहलूवालिया पर 100 करोड़ रुपये मांगने का आरोप लगाया था, ये आरोप जिंदल स्टील एंड पावर लिमिटेड ने एक वीडियो दिखाते हुए लगाया था, जिंदल के अनुसार चैनल ने कंपनी को ब्लैकमेल करने की कोशिश की, कोयला ब्लॉक आवंटन की खबर नहीं दिखाने के बदले पैसे की मांग की थी।
2 पत्रकार गिरफ्तार
जिसके बाद इस केस में नवीन जिंदल ने एक स्टिंग ऑपरेशन जारी किया था, जिसमें दोनों संपादक उनसे बात करते दिख रहे थे, सीडी में देखा गया कि दोनों ही पत्रकार कोयला घोटाले की खबर ना चलाने के बदले 100 करोड़ रुपये की मांग कर रहे थे, सीडी में ये भी कहते हुए देखा गया कि अगर ये रकम मिल जाती है, तो वो नकारात्मक खबरें भी चलाना बंद कर देंगे, हालांकि सुधीर चौधरी ने इन खबरों को सिरे से खारिज कर दिया, साथ ही इसे बकवास बताते हुए चैनल पर दबाव बनाने का आरोप लगाया।
मानहानि का मामला
इसके बाद जी न्यूज ने नवीन जिंदल के खिलाफ 100 करोड़ का मानहानि का दावा किया, चैनल का कहना है कि उनके नाम को बदनाम किया जा रहा है, जिसके बाद नवीन जिंदल ने कई आरोप लगाते हुए चैनल पर 200 करोड़ मानहानि का दावा कर दिया।
कोयला घोटाले में जेएसपीएल का नाम शामिल
आपको बता दें कि जिंदल ग्रुप का नाम कैग की रिपोर्ट में शामिल था, कोयला ब्लॉक आवंटन में फायदा पहुंचाने वाली कंपनियों में एक नाम जिंदल ग्रुप का भी था, सुधीर चौधरी को 100 करोड़ का तिहाड़ी इसी वजह से कहा जाता है, क्योंकि इस केस में उन्हें जेल जाना पड़ा था। हालांकि बाद में जमानत पर वो छूट गये, लेकिन तब से उनके आलोचक लगातार ये कहकर उन पर निशाना साधते हैं।