जैक मा- कभी थे एशिया के सबसे अमीर शख्स, एक ‘गलती’ और बर्बाद हो गया सबकुछ

जैक मा और अलीबाबा के लिये सबकुछ ठीक चल रहा था, लेकिन उन्होने 2020 एक ऐसी गलती कर दी, जिसकी कीमत उन्हें चुकानी पड़ी, उनका कारोबार लगभग हिल चुका है।

New Delhi, Jul 30 : जैक मा, एक ऐसा नाम जो दुनियाभर के करोडों युवाओं को कुछ बड़ा करने के लिये प्रेरित करता है, एक ऐसा नाम जिसकी सफलता की कहानी पूरी फिल्मी लगती है, एक ऐसा नाम जिसकी गिनती कभी एशिया के सबसे बड़े रईस में होती थी, लेकिन ये नाम पिछले दो साल से गुमनामी के बादल में गुम है, जैक मा इतने लंबे समय से सार्वजनिक रुप से कहीं दिख नहीं रहे थे, ना ही उन्हें लेकर कोई खबर आ रही थी, पिछले दिनों जैक मा यूरोपीय टूर पर देखे गये, इसके बाद से कयास लगाये जा रहे हैं कि वो अपनी कंपनी एंट ग्रुप से अपना कंट्रोल छोड़ सकते हैं, चर्चा है कि उन पर ऐसा करने के लिये लगातार चीनी सरकार का दवाब है, आज हम आपको बताते हैं कि आखिर ऐसा क्या हुआ, जो बुलंदियों के आसमान पर खड़ा ये शख्स अचानक जमीन पर आ गया।

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पहले जैक मा की सफलता को जानें
जैक मा 5वीं में 2 बार, तथा 8वीं में तीन बार फेल हुए थे, ग्रेजुएश के लिये अमेरिका की हार्वर्ड यूनिवर्सिटी ने करीब 10 बार एडमिशन देने से इंकार कर दिया था, उन्होने करीब 30 नौकरियों में आवेदन किया और सभी में रिजेक्ट कर दिये गये, एक बार उन्होने केएफसी में नौकरी के लिये आवेदन किया, उस वैकेंसी के लिये 25 लोगों ने अप्लाई किया था, 24 चुन लिये गये, सिर्फ अकेले जैक मा रिजेक्ट हुए, इतनी असफलता के बाद भी जैक निराश नहीं हुए, उन्होने टूरिस्ट गाइड का काम किया, इंग्लिश मजबूत होने के बाद ट्रांसलेशन एजेंसी का काम शुरु किया, 1994 में वो अपने बिजनेस के सिलसिले में अमेरिका गये थे, तो वहां इंटरनेट देखकर हैरान रह गये, अमेरिका से लौटकर उन्होने चीन की पहली ऑनलाइन डायरेक्टरी चाइन पेजेज लांच की, 21 फरवरी 1999 को जैक ने अपने 17 दोस्तों के साथ मिलकर अलीबाबा की नींव रखी, धीरे-धीरे अलीबाबा का कारोबार फैलता गया, जैक मा धनी होते गये, उन्होने एंट ग्रुप के तहत कई कामों में एंट्री मारी, पेमेंट गेटवे से लेकर एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री तक, हर जगह जैक मा की मौजूदगी बढती गई, अलीबाबा दुनिया भर की कंपनियों में निवेश करती थी।

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चीनी सरकार के खिलाफ बोलना भारी पड़ गया
जैक मा और अलीबाबा के लिये सबकुछ ठीक चल रहा था, लेकिन उन्होने 2020 एक ऐसी गलती कर दी, जिसकी कीमत उन्हें चुकानी पड़ी, उनका कारोबार लगभग हिल चुका है, दरअसल उन्होने तब शंघाई में एक भाषण के दौरान कहा था कि तीन में कोई मैच्योर फाइनेंशियल सिस्टम नहीं है, बैकिंग सिस्टम को उन्होने ब्याज खोर बताते हुए कहा था कि Jack ma xinping1 बैंक सिर्फ उन्हीं को लोन देते हैं, जो बदले में कुछ गिरवी रखते हैं, इस बयान के बाद से ही वो चीनी सरकार की आंखों की किरकिरी बन गये, इसके बाद सरकार ने उन पर पहला हंटर तब चलाया, जब चीन के मार्केट रेगुलेटर ने अलीबाबा ग्रुप के खिलाफ एकाधिकार-रोधी जांच शुरु की, इसके बाद सरकार ने एंट ग्रुप का आईपीओ रोक दिया, सरकार ने उन्हें देश ना छोड़ने की भी सलाह दी, तब से जैक मा करीब-करीब गायब ही हो गये।

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कंपनी से निकलने का भी दवाब
बताया जाता है कि चीनी सरकार अब भी उन पर नकेल कसना चाहती है, उन पर एंट ग्रुप ने निकलने का दवाब लगातार बनाया जा रहा है, फिलहाल एंट ग्रुप में उनकी 10 फीसदी हिस्सेदारी ही है, लेकिन सहयोगी कंपनी के जरिये ग्रुप पर उन्हीं का नियंत्रण है, चीनी सरकार इसी नियंत्रण को हटाना चाहती है, कहा जा रहा है कि जैक मा जल्द इसे छोड़ने की तैयारी में हैं। आपको बता दें कि 2020 में चीनी सरकार के आलोचना से पहले जैक मा एशिया के सबसे अमीर शख्स हुआ करते थे, अप्रैल 2020 तक जैक मा के पास कुल 44.5 अरब डॉलर की संपत्ति थी, लेकिन चीनी सरकार का हंटर चलने के बाद उनकी संपत्ति कम होती गई, अब वो टॉप 30 अरबपतियों की रेस से भी बाहर हो चुके हैं, ब्लूमबर्ग बिलेयनियर इंडेक्स के अनुसार अब जैक मा की दौलत 36.4 बिलियन डॉलर रह गई है।