देश की पहली ट्रेन, जिसमें यात्री चाहकर भी नहीं खा सकेंगे नॉनवेज, भारतीय रेल का बड़ा फैसला
भारतीय रेल ने इसकी शुरुआत भी कर दी है, ट्रेनों में खानपान की सुविधा उपलब्ध कराने वाली आईआरसीटीसी तथा सात्विक काउंसिल ऑफ इंडिया के बीच इसके लिये पहले ही समझौता हो चुका है।
New Delhi, Aug 04 : भारतीय रेल में सफर करने वालों के लिये एक जरुरी खबर है, रेलवे ने ट्रेन में खाने को लेकर एक बड़ा ऐलान किया है, दिल्ली-कटरा वंदेभारत ट्रेन में अब नॉनवेज खाने तथा ले जाने पर मनाही हो गई है, वंदे भारत ट्रेन देश की ऐसी पहली ट्रेन है, जिसे सात्विक सर्टिफिकेट दिया गया है, यानी अब ये ट्रेन पूरी तरह से हाइजेनिक और वेजिटेरियन है।
ट्रेन का मिला पहला सात्विक सर्टिफिकेट
आपको बता दें कि भारतीय रेल ने इसकी शुरुआत भी कर दी है, ट्रेनों में खानपान की सुविधा उपलब्ध कराने वाली आईआरसीटीसी तथा सात्विक काउंसिल ऑफ इंडिया के बीच इसके लिये पहले ही समझौता हो चुका है, आपको बता दें कि इस ट्रेन में यात्री अपनी ओर से भी नॉनवेज खाना नहीं खा सकते हैं।
बाकी ट्रेनें भी होगी सात्विक
आईआरसीटीसी ने वंदे भारत को सात्विक ट्रेन बनाने की शुरुआत कर दी है, रेलवे के मुताबिक धीरे-धीरे धार्मिक स्थानों को जाने वाली अन्य ट्रेनों को भी सात्विक बनाया जाएगा, दरअसल इन ट्रेनों में यात्री ऐसे होते हैं, तो तीर्थ या धार्मिक स्थल पर जा रहे होते हैं, वो पूरी तरह से सात्विक खाना पसंद करते हैं, इसलिये रेलवे ने ऐसे बाकी ट्रेनों को भी सात्विक बनाने की कवायद शुरु कर दी है, जो ऐसे स्थानों पर जाती है।
रेलवे का बड़ा फैसला
सफर के दौरान कई यात्री ऐसे भी होते हैं, जो ट्रेन में परोरा जाने वाला खाना पसंद नहीं करते हैं, इसका एक कारण ये भी है कि उन्हें निश्चित नहीं होता कि ट्रेन में मिलने वाला खाना पूरी तरह से हाइजेनिक और वेजिटेरियन है, यात्रियों को भोजन को लेकर एक संशय बना रहता है, उनके भीतर ये सवाल चलता रहता है कि ट्रेन में खाना बनाने के दौरान साफ-सफाई का कितना ध्यान रखा गया है, वेज तथा नॉनवेज अलग-अलग पकाया गया है, खाना तैयार करने से लेकर सर्व करने तक की क्या प्रक्रिया है, अब ऐसे यात्रियों की समस्याओं को जड़ से खत्म करने के लिये भारतीय रेल सात्विक ट्रेन की शुरुआत की है। सात्विक काउंसिल ऑफ इंडिया के फाउंडर अभिषेक बिस्वास ने कहा कि वंदे भारत ट्रेन को सात्विक का सर्टिफिकेट देने से पहले कई तरह की प्रक्रिया पूरी की गई है, जिसके तहत खाना बनाने की विधि, किचन, परोसने तथा सर्व करने के बर्तन, रख-रखाव की जांच की गई है, सभी प्रक्रिया से गुजरने के बाद ही सर्टिफिकेट दिया गया गया है, यानी रेलवे ने पूरी तैयारी के बाद ही इसे सात्विक सर्टिफिकेट दिया है।