वेंटिलेटर पर सलमान रुश्दी, एक आंख खोने का डर, विवादों से रहा है पुराना नाता

सलमान रुश्दी के एजेंट एंड्रयू वायली ने बताया कि रुश्दी शुक्रवार शाम को वेंटिलेटर पर थे, हमले की वजह से उनके लीवर को नुकसान पहुंचा है, इसके अलावा उन्हें एक आंख खोने का खतरा है।

New Delhi, Aug 13 : अमेरिका के न्यूयॉर्क में 12 अगस्त को बुकर पुरस्कार विजेता त.था द सैटेनिक वर्सेज के लेखक सलमान रुश्दी पर जानलेवा हमला हुआ है, सलमान को पिछले कई सालों से जान से मारने की धमकियां मिल रही थी, उन पर हमला उस समय हुआ, जब रुश्दी पश्चिमी न्यूयॉर्क में एक कार्यक्रम में बोलने के लिये पहुंचे थे, हमले के बाद खून से लथपथ 75 वर्षीय सलमान रुश्दी को अस्पताल ले जाया गया, जहां उनका इलाज जारी है।

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कौन है हमलावर
सलमान रुश्दी के एजेंट एंड्रयू वायली ने बताया कि रुश्दी शुक्रवार शाम को वेंटिलेटर पर थे, हमले की वजह से उनके लीवर को नुकसान पहुंचा है, इसके अलावा उन्हें एक आंख खोने का खतरा है, स्थानीय पुलिस के अनुसार रुश्दी की गर्दन पर चाकू से हमला किया गया है, हमलावर को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है, पुलिस हमलावर की पहचान हादी मतार के रुप में की है, वो 24 साल का है, न्यू जर्सी के फेयरव्यू का रहने वाला है।

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क्या है मंशा
पुलिस का कहना है कि हमलावर ने हमला क्यों किया, उसकी मंशा का फिलहाल पता नहीं चला है, वहीं हमले का कारण पता लगाने के लिये एफबीआई की मदद भी ली जा रही है, द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक रुश्दी को 10 से 15 बार चाकूओं से गोदा गया है, जिसके बाद वो फर्श पर गिर पड़े।

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विवादों से नाता
आपको बता दें कि सलमान रुश्दी का विवादों से नाता रहा है, 1988 में रुश्दी के द सैटेनिक वर्सेज उपन्यास को मुसलमानों द्वारा ईशनिंदा के रुप में देखा गया था, मुस्लिम समुदाय का आरोप है इसमें एक चरित्र को पैगंबर मुहम्मद के अपमान के रुप में दिखाया गया है, उस दौरान दुनिया भर में रुश्दी के खिलाफ हिंसक विरोध प्रदर्शन हुए, किताब को लेकर हुए दंगों में कम से कम 45 लोग मारे गये थे, जिसमें रुश्दी के गृहनगर मुंबई से भी 12 लोग शामिल थे। आपको बता दें कि रुश्दी का उपन्यास भारत में प्रतिबंधित था, वो भारतीय मूल के बिट्रिश अमेरिकी लेखक हैं, मुंबई में जन्मे सलमान पिछले बीस सालों से अमेरिका में रह रहे हैं। उन्हें कई बड़े पुरस्कार भी मिल चुके हैं।