कई दिग्गजों के साथ नीतीश-तेजस्वी ने कर दिया खेल, मंत्री नहीं बनाये जाने से नाराज!
बिहार की सियासत में ओबीसी के बड़े चेहरे माने जाने वाले उपेन्द्र कुशवाहा को मंत्री बनने की पूरी उम्मीद थी, लेकिन जदयू कोटे से 11 मंत्री बने हैं, जिसमें उनका नाम शामिल नहीं है।
New Delhi, Aug 16 : बिहार में सियासी बदलाव के बाद नीतीश ने तेजस्वी के साथ मिलकर सरकार बना ली है, नीतीश कैबिनेट का आज विस्तार हो रहा है, जिसमें राजद के जदयू से ज्यादा मंत्री बने हैं, वहीं कांग्रेस का कद पिछली बार की महागठबंधन सरकार से भी कम हो गया है, ऐसे में कई बड़े नेताओं के मंत्री बनने के अरमानों पर पानी फिर गया है, सबसे बड़ा झटका जदयू संसदीय दल के अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा को लगा है, इसके साथ ही कई जदयू तथा राजद के बड़े नेता नीतीश-तेजस्वी के फैसले से खुश नहीं हैं।
कुशवाहा को कैबिनेट में जगह नहीं
बिहार की सियासत में ओबीसी के बड़े चेहरे माने जाने वाले उपेन्द्र कुशवाहा को मंत्री बनने की पूरी उम्मीद थी, लेकिन जदयू कोटे से 11 मंत्री बने हैं, जिसमें उनका नाम शामिल नहीं है, कुशवाहा समाज से आने वाले जयंत राज को फिर से मंत्री बनाया गया है, उपेन्द्र कुशवाहा को सीएम नीतीश कुमार के बेहद करीबी माना जाता है, लेकिन इसके बावजूद उन्हें मंत्री पद नहीं दिया गया। नीतीश से मनमुटाव के बाद उपेन्द्र कुशवाहा अलग होकर नई पार्टी बना ली थी, हालांकि 2020 चुनाव के बाद उस पार्टी का जदयू में विलय कर लिया, ऐसे में नीतीश ने उन्हें एमएलसी बनाते हुए जदयू संसदीय बोर्ड का अध्यक्ष बनाया था, लेकिन मंत्री पद नहीं दिया।
कांग्रेस के दिग्गजों के अरमान पर फिरा पानी
नीतीश-तेजस्वी की अगुवाई वाली सरकार में कांग्रेस से फिलहाल दो ही मंत्री शपथ लिया है, कांग्रेस के दिग्गज मदन मोहन झा मंत्री नहीं बन सके, मुस्लिम चेहरे के तौर पर कैबिनेट में आफाक आलम को एंट्री मिली है, जिसकी वजह से शकील अहमद के मंत्री बनने के अरमानों पर पानी फिर गया, फिर दलित नेता के तौर पर मुरारी लाल गौतम को मंत्री पद मिला है, जिसके चलते राजेश राम मंत्री नहीं बन सके, ऐसे ही कांग्रेस विधायक दल के नेता अजित शर्मा को भी मंत्री बनने का मौका नहीं मिला।
राजद के कई नेताओं को झटका
राजद कोटे से सबसे ज्यादा मंत्री बन रहे है, लेकिन कई सियासी समीकरण साधने के चक्कर में कई दिग्गज नेताओं के मंत्री बनने का सपना फिलहाल अधूरा रह गया, राजद के मुस्लिम नेताओं का सियासी समीकरण ओवैसी की पार्टी छोड़कर आये विधायक ने बिगाड़ दिया, एआईएमआईएम छोड़कर आये 4 विधायकों में से शाहनवाज आलम को मंत्री बनाया गया है, अख्तरुल शाहीन जैसे दिग्गज नेता मंत्री नहीं बन सके, तो तेजस्वी के करीबी कहे जाने वाले भाई वीरेन्द्र भी मंत्री बनने से महरुम रह गये।