ममता बनर्जी की टीएमसी में होने वाला है ‘खेला’, दीदी के आवास के आस-पास लगे पोस्टर
ये पोस्टर ज्यादातर दक्षिण कोलकाता के हाजरा तथा कालीघाट इलाकों में लगाये गये थे, दोनों इलाके भवानीपुर स्थित टीएमसी प्रमुख तथा प्रदेश की सीएम ममता बनर्जी के आवास के आस-पास है।
New Delhi, Aug 17 : पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की सरकार है, सत्ताधारी टीएमसी में बदलाव के संकेत मिल रहे हैं, कोलकाता के कई इलाकों में टीएमसी महासचिव अभिषेक बनर्जी की तस्वीरों वाले पोस्टर लगाये गये हैं, जिसमें दावा किया गया है कि 6 महीने में नई तथा सुधरी हुई टीएमसी अस्त्तित्व में आएगी।
कहां लगे हैं पोस्टर
ये पोस्टर ज्यादातर दक्षिण कोलकाता के हाजरा तथा कालीघाट इलाकों में लगाये गये थे, दोनों इलाके भवानीपुर स्थित टीएमसी प्रमुख तथा प्रदेश की सीएम ममता बनर्जी के आवास के आस-पास है, हालांकि किसी भी पोस्टर पर ममता दीदी की तस्वीरें नहीं थी, 1998 में पार्टी की शुरुआत के बाद पहली बार ऐसा हुआ है, पार्टी के ज्यादातर नेता इस घटना पर चुप्पी साधे हुए हैं, वहीं अभिषेक बनर्जी के करीबी कहे जाने वाले टीएमसी प्रदेश महासचिव कुणाल घोष ने कहा कि पोस्टर में कुछ भी गलत नहीं है।
कुणाल घोष ने कही ये बात
कुणाल घोष ने कहा पहले भी अभिषेक बनर्जी ये कहते रहे हैं कि हमें खुद को बदलना होगा, हमें लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करना होगा, इसलिये कुछ अति उत्साही कार्यकर्ताओं ने शायद उनके अतीत में कही बातों को लेकर पोस्टर लगा दिये। हालांकि टीएमसी के सूत्रों का दावा है कि पार्थ चटर्जी तथा अनुब्रत मंडल जैसे पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की गिरफ्तारी के बाद पार्टी में दूरगामी परिणाम क्या होंगे, इसको लेकर भी चर्चा तेज है, क्योंकि इससे पुराने नेताओं की पकड़ कमजोर होगी, नये नेता आगे आएंगे।
आंतरिक संघर्ष जारी है- अधीर रंजन
इस घटना पर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि ये पोस्टर टीएमसी में अंदरूनी पार्टी संघर्ष का नतीजा था, उन्होने कहा कि टीएमसी में एक साल से आंतरिक संघर्ष जारी है, चाहे वो अच्छे के लिये हो या फिर बुरे के लिये, लेकिन सच्चाई को स्वीकार करने में कोई बुराई नहीं है, कि ममता बनर्जी अभी भी ताकत में है, और टीएमसी की प्रेरक शक्ति रहेंगी। वहीं बांकुरा जिले के विष्णुपुर निर्वाचन क्षेत्र से बीजेपी के लोकसभा सदस्य सौमित्र खान ने सोमवार को दावा किया, कि वरिष्ठ पदाधिकारियों समेत टीएमसी के कई अंदरुनी लोग सीबीआई तथा ईडी जैसे केन्द्रीय एजेंसियों को विभिन्न पार्टी नेताओं के वित्तिय गबन की सूचना दे रहे हैं।