सुख-चैन छीन लेती है केतु महादशा, 7 साल तक करती है परेशान, जानिये अचूक उपाय

ज्योतिष के मुताबिक अगर केतु व्यक्ति की कुंडली में उत्तम स्थिति में है, तो जातक की आध्यात्मिकता में दिलचस्पी बढती है, साथ ही व्यक्ति को आकस्मिक रुप से लाभ होता है, मान-सम्मान में बढोतरी होने लगती है।

New Delhi, Nov 17 : वैदिक ज्योतिष के मुताबिक कुंडली में हर एक निश्चित समय तक ग्रह-गोचर बदलता रहता है, जिसका शुभ और अशुभ असर होता है, इन्हीं में से एक छाया ग्रह केतु है, किसी भी जातक की कुंडली में केतु 7 साल तक रहता है, उस जातक को 7 साल तक केतु के दुष्प्रभावों का सामना करना पड़ता है, इस दौरान शुभ तथा अशुभ परिणाम शख्स को मिलते हैं।

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शख्स पर असर
ज्योतिष के मुताबिक अगर केतु व्यक्ति की कुंडली में उत्तम स्थिति में है, तो जातक की आध्यात्मिकता में दिलचस्पी बढती है, साथ ही व्यक्ति को आकस्मिक रुप से लाभ होता है, मान-सम्मान में बढोतरी होने लगती है, वहीं केतु की महादशा के दौरान व्यक्ति के मन में सांसारिक विषयों में अरुचि जागृत होने लगती है, आध्यात्मिक गतिविधियां बढती है, व्यक्ति को तीर्थ यात्रा आदि का अवसर मिलता है, केतु की अशुभ स्थिति में जटिल रोग, हादसा और आकस्मिक रुप से हानि हो सकती है, इतना ही नहीं परिवार से अलगाव भी हो सकता है।

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केतु की महादशा का प्रभाव
आपको बता दें कि ज्योतिष में बताया गया है कि 6 नक्षत्रों में पैदा बुए व्यक्ति को गंडमूल नक्षत्र माना गया है, जिसमें 3 नक्षत्र यथा अश्विनी, मघा और मूल नक्षत्र केतु के आधिपत्य के नक्षत्र हैं, कहते हैं कि rahu ketu इन नक्षत्रों को पैदा हुए जातकों के लिये नहीं बल्कि उनके माता-पिता के लिये कष्टदायी माना गया है। ज्योतिष के मुताबिक गंडमूल नक्षत्र में पैदा हुए जातक के जन्म के 27 दिन के भीतर ही नक्षत्र पूजा करनी चाहिये, लग्न कुंडली में केतु वाला व्यक्ति चिड़चिड़े स्वाभाव का होता है, वहीं केतु के नक्षत्र में कई ग्रह हैं, जो व्यक्ति को अतिमहत्वाकांक्षी बनाता है।

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केतु महादशा के उपाय
अगर कुंडली में केतु की दशा से परेशान हैं, तो उसे शांत करने के लिये किसी भिखारी को वस्त्र का दान करें, इससे लाभ मिलेगा।
ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक अगर कुंडली में केतु ग्रह अशुभ स्थिति में है, तो काली गाय का दान लाभकारी हो सकता है।
केतु के दुष्प्रभावों से बचने के लिये घर के दक्षिण पश्चिम कोने में तिकोना ध्वज लगाना अशुभ फलों को कम करेगा।
ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक कुत्ते को तेल से चुपड़ी रोटी खिलाने से अशुभ प्रभावों से मुक्ति मिलती है।
केतु के अशुभ प्रभावों को खत्म करने के लिये ऊं कें केतवे नमः का रोजाना 108 बार जाप करें।

(डिस्क्लेमर- यहां दी गई जानकारियां सामान्य मान्यताओं पर आधारित है, हम इसकी सत्यता की पुष्टि नहीं करते हैं।)