एक कान से सुन नहीं पाता टीम इंडिया का ये क्रिकेटर, साथी खिलाड़ी…

वॉशिंगटन सुंदर ने 5 साल पहले टीम इंडिया की ओर से वनडे और टी-20 डेब्यू किया था, वो ऑफ स्पिन गेंदबाज अपनी आक्रामक बल्लेबाजी के लिये भी जाने जाते हैं।

New Delhi, Nov 30 : टीम इंडिया तीसरे वनडे में न्यूजीलैंड की शानदार गेंदबाजी के सामने 47.3 ओवर में 219 रनों पर सिमट गई, किवी टीम से 0-1 से पिछड़ने के बाद सीरीज बचाने की कवायद में जुटे भारतीय टीम के बल्लेबाजों का प्रदर्शन निराशाजनक रहा, आधी टीम 25.3 ओवर में पवेलियन लौट गई, सिर्फ वॉशिंगटन सुंदर ने 64 गेंदों में 51 रनों की पारी खेली, सुंदर की वजह से ही टीम इंडिया 200 के स्कोर के पार हो पाई, इस ऑलराउंडर ने पहले वनडे में बी 16 गेंदों में नाबाद 37 रनों की तेज-तर्रार पारी खेली थी।

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5 साल पहले डेब्यू
वॉशिंगटन सुंदर ने 5 साल पहले टीम इंडिया की ओर से वनडे और टी-20 डेब्यू किया था, वो ऑफ स्पिन गेंदबाज अपनी आक्रामक बल्लेबाजी के लिये भी जाने जाते हैं, लगातार चोटिल होने की वजह से सुंदर भारत की ओर से अब तक 4 टेस्ट, 8 वनडे और 32 टी-20 मुकाबले खेल चुके हैं, हालांकि 23 साल के इस युवा ने बेहद प्रभावित किया है, पिछले साल ऑस्ट्रेलिया दौरे पर अचानक कई खिलाड़ियों के चोटिल होने की वजह से सुंदर को टेस्ट डेब्यू का मौका मिला था। ब्रिस्बेन में डेब्यू टेस्ट पारी में उन्होने 62 और 22 रन की पारी खेली, उन्होने पहले टेस्ट मैच में 4 विकेट भी हासिल किया, टीम इंडिया ये टेस्ट 3 विकेट से जीतने में सफल रही थी, इसके बाद जब इंग्लैंड टीम भारत दौरे पर टेस्ट सीरीज खेलने आई, तो उन्होने नाबाद 85 और नाबाद 96 रनों की पारी खेल अपनी बल्लेबाजी का लोहा मनवाया।

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एक ही कान से सुन पाते हैं सुंदर
वॉशिंगटन सुंदर सिर्फ एक ही कान से सुन पाते हैं, अपनी इस कमजोरी के बारे में सुंदर ने एक इंटरव्यू में बताया, सुंदर जब 4 साल के थे, तो परिवार को उनकी परेशानी के बारे में बता चला, कई जगह इलाज कराने के बाद भी उनकी परेशानी ठीक नहीं हो पाई, जिसकी वजह से उनकी जिंदगी में कई तरह की दिक्कतें आई, लेकिन उन्होने इस परेशानी को खुद पर हावी नहीं होने दिया।

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टीम के खिलाड़ी करते हैं सपोर्ट
वॉशिंगटन सुंदर ने इंटरव्यू में कहा था कि फील्डिंग के दौरान उनके साथी खिलाड़ियों को उनके कम सुनने की वजह से दिक्कत होती है, sunder हालांकि कोई भी खिलाड़ी इसके लिये शिकायत नहीं करते, सुंदर का कहना है कि साथी खिलाड़ी मेरी कमजोरी को लेकर मुझे कुछ नहीं कहते, बल्कि मदद करते हैं।