‘जो पीकर मरेगा उसे एक पैसा मुआवजा नहीं’, बिफरे नीतीश कुमार ने कही ऐसी बात

बिहार विधानसभा की कार्यवाही शुरु होते ही बीजेपी विधायकों ने आज हंगामा शुरु कर दिया, वो वेल में आ गये, सीएम नीतीश कुमार के विरोध में नारेबाजी की, इस दौरान सीएम ने कहा शराब से ही रही मौत को लेकर पूछा जा रहा है, कि ये कब तक रुकेगी।

New Delhi, Dec 17 : बिहार में जहरीली शराब से मौतों पर हंगामा मचा है, छपरा में जहरीली शराब पीने से 40 लोगों की मौत हो चुकी है, विपक्ष बीजेपी नीतीश सरकार पर हमलावर है, लेकिन सीएम भी विपक्ष पर पलटवार करने से पीछे नहीं हट रहे हैं, बिहार विधानसभा में सीएम नीतीश कुमार ने साफ शब्दों में कहा शराब से अगर मौत होती हैत तो इसके लिये मुआवजा नहीं दिया जाएगा, शराबबंदी से स्थिति में सुधार आया है, हम सबके हित के लिये काम कर रहे हैं, हम बस इस बात का प्रचार कर रहे कि पिओगे तो मरोगे, गुजरात में इतने लोग मर गये, एक दिन बात हुई बस, उसके बाद किसी ने चर्चा नहीं की।

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बीजेपी का विरोध-प्रदर्शन
बिहार विधानसभा की कार्यवाही शुरु होते ही बीजेपी विधायकों ने आज हंगामा शुरु कर दिया, वो वेल में आ गये, सीएम नीतीश कुमार के विरोध में नारेबाजी की, इस दौरान सीएम ने कहा शराब से ही रही मौत को लेकर पूछा जा रहा है, Nitish Kumar कि ये कब तक रुकेगी, तो हम तो कहेंगे कि साफ शब्दों में लिखा है, शराब के सेवन करने से मौत होगी, सरकार पूरे मामले को लेकर गंभीर है, घटना में शामिल लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

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मुआवजा देने की मांग
सीएम नीतीश कुमार ने सीपीआई विधायक सतेन्द्र कुमार की मांग पर कड़ी आपत्ति जताई, उन्होने मृतकों के आश्रितों को मुआवजा देने की मांग की थी, नीतीश ने कहा कि जो लोग देश में राज कर रहे हैं, dead body उनके राज्य का क्या हाल है, वहां भी तो शराबबंदी है, आज हम अलग हो गये, तो हल्ला कर रहे हैं, जो पीकर मरेगा, उसको एक पैसा हम मुआवजे के तौर पर नहीं देंगे।

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सुप्रीम कोर्ट पहुंचा मौतों का मामला
छपरा जहरीली शराब मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच चुका है, एक वकील ने सीजेआई की बेंच के सामने जल्द सुनवाई की मांग की है, लेकिन सीजेआई ने जल्द सुनवाई से इंकार कर दिया है, supreme court उन्होने कहा कि अगर मामला इतना अहम था तो आपको मेंशनिंग लिस्ट में शामिल करना चाहिये था, अब शीतकालीन अवकाश के बाद जनवरी में ही सुनवाई संभव हो सकेगी, याचिका में जांच के लिये एसआईटी गठन और पीड़ितों को उचित मुआवजे की मांग की गई है।