थप्पड़ से आंख खराब, पति ने दिया धोखा, कैंसर से लड़ी, 3 दिन तक बंगले में पड़ी रही एक्ट्रेस की लाश

आंख खराब होने के बाद ललिता पवार धीरे-धीरे खलनायिका के किरदार में दिखने लगी, कभी बहू पर जुल्म किये, तो कभी सौतेले बेटे के साथ बुरा बर्ताव किया।

New Delhi, Feb 25 : ललिता पवार… बॉलीवुड की वो एक्ट्रेस, जिसने बताया कि सौतेली मां के सितम क्या होते हैं, जिसने दिखाया कि क्रूर सास क्या होती है, यानी हिंदी सिनेमा की विलेन कहना गलत नहीं होगा, हालांकि ये सब किरदार करने के लिये वो इंडस्ट्री में नहीं आई थी, बल्कि उनका सपना तो बड़ी एक्ट्रेस बनने का था, जो एक हादसे की वजह से कभी पूरा नहीं हो सका, फिल्म जंग-ए-आजादी की शूटिंग के दौरान एक थप्पड़ ने उनकी पूरी जिंदगी की दिशा ही बदल दी।

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1942 में सेट पर हादसा
कहा जाता है कि एक सीन जो उन्हें भगवान दादा के साथ शूट करना था, उसमें एक्टर को उन्हें जोरदार तमाचा मारना था, बताया जाता है कि वो थप्पड़ इतना तेज था कि ना सिर्फ ललिता पवार के कान का पर्दा फटा, बल्कि उनकी एक आंख भी हमेशा के लिये खराब हो गयी। ये हादसा बेहद दुखद था, लेकिन उन्होने हिम्मत नहीं हारी, सालों बाद फिर से वापसी की, ये बात और थी कि हिरोइन बनना अब और मुश्किन होने वाला था, लेकिन उन्होने एक्टिंग से नाता जोड़े रखा।

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खलनायिकों वाले किरदार
आंख खराब होने के बाद ललिता पवार धीरे-धीरे खलनायिका के किरदार में दिखने लगी, कभी बहू पर जुल्म किये, तो कभी सौतेले बेटे के साथ बुरा बर्ताव किया, वहीं रामायण में मंथरा के किरदार से खूब पॉरपुलैरिटी हासिल की, लेकिन निजी जिंदगी में तकलीफों का दौर जारी रहा, उन्हें दूसरा झटका तब लगा, जब पति गणपत राव ने उन्हें उनकी बहन के लिये धोखा दे दिया।

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राजप्रकाश गुप्ता से दूसरी शादी
ललिता पवार ने पति के धोखा देने के बाद खुद को संभाला और दूसरी शादी कर ली, कुछ सालों बाद उन्हें पता चला कि उन्हें माउथ कैंसर है, जिंदगी के आखिरी दिनों में उनका हाल कुछ ऐसा था कि वो घर में बिल्कुल अकेली थी, उनके पति अस्पताल में भर्ती थे, उनकी मौत आई, वो चिर निद्रा में सो गई, लेकिन 3 दिनों तक उनकी लाश घर में ही पड़ी रही थी, आखिरी समय में उनके पास कहने को अपना कोई नहीं था।