अतीक अहमद- मीडिया वाले बनकर पहुंचे थे हमलावर, गोली मारने के बाद लगाये जय श्रीराम के नारे
प्रयागराज पुलिस द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक घटनास्थल पर तीन पिस्तौल, एक बाइक और एक वीडियो कैमरा तथा एक न्यूज चैनल की आईडी पड़ी मिली है।
New Delhi, Apr 16 : अतीक अहमद की हत्या के बाद से यूपी की योगी सरकार पर सवाल उठ रहे हैं, जिस समय अतीक और उसके भाई अशरफ अहमद की हत्या की गई, उस समय पुलिस उन्हें मेडिकल के लिये अस्पताल लेकर गई थी, अतीक तथा अशरफ को जब गोली मारी गई, तब मीडिया उनसे सवाल कर रही थी, दोनों बाई कुछ बोलने ही जा रहे थे, तभी उसने सिर में गोली मारी गई।
मीडियाकर्मी बनकर पहुंचे थे हत्यारे
टीवी मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि हत्यारे मीडियाकर्मी बनकर आये थे, हमलावरों ने अपने गले में पहचान पत्र भी लटका रखे थे, उन्होने कई गोलियां चलाई, पिर जयश्रीराम के नारे भी लगाये। इसके बाद तुरंत सरेंडर कर दिया, पुलिस ने बताया कि उन्होने गोली चलाने वाले तीनों लोगों को गिरफ्तार कर लिया है।
आलाधिकारी मौके पर
प्रयागराज पुलिस द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक घटनास्थल पर तीन पिस्तौल, एक बाइक और एक वीडियो कैमरा तथा एक न्यूज चैनल की आईडी पड़ी मिली है, मौके पर पुलिस कमिश्नर रमित शर्मा, जिलाधिकारी संजय कुमार खत्री समेत पुलिस के तमाम आला अधिकारी पहुंच चुके हैं। अतीक की सनसनीखेज हत्या से इलाके में तनाव है, अतीक अहमद तथा अशरफ के गोलियों से छलनी शवों को मौके से हटा लिया गया है, अतीक और उसके भाई को 2005 के राजू पाल हत्याकांड के सिलसिले में सुनवाई के लिये यहां लाया गया था, झांसी में 13 अप्रैल को अतीक का बेटा असद और उसका एक साथी पुलिस मुठभेड़ में मारा गय था, दोनों के शव को शनिवार सुबह दफनाया गया।
ओवैसी ने बोला हमला
एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने अतीक और अशरफ की हत्या पर योगी सरकार पर बड़ा हमला बोला है, ओवैसी ने कहा कि दोनों भाई पुलिस हिरासत में थे, उन पर हथकड़ियां लगी हुई थी, जयश्रीराम के नारे भी लगाये गये, दोनों की हत्या योगी के कानून व्यवस्था की नाकामी है, एनकाउंटर राज का जश्न मनाने वाले भी इस हत्या के जिम्मेदार हैं। यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने कहा कि प्रदेश में अपराध की पराकाष्ठा हो गई है, अपराधियों के हौसले बुलंद हैं, जब पुलिस के सुरक्षा घेरे के बीच सरेआम गोलीबारी करके किसी की हत्या की जा सकती है, तो आज जनता की सुरक्षा का क्या, इससे जनता के बीच भय का वातावरण बन रहा है, ऐसा लगता है कि कुछ लोग जानबूझकर ऐसा वातावरण बना रहे हैं।