प्रशांत किशोर की एंट्री से चढेगा राजस्थान की सियासी पारा, सचिन पायलट का खास प्लान

विधानसभा चुनाव से पहले ये कहा जा रहा है कि पीके को सचिन पायलट के लिये चुनावी पिच तैयार करने की जिम्मेदारी मिली है, अब सवाल ये है कि पायलट पीके का इस्तेमाल कैसे करेंगे, क्या वो गहलोत के खिलाफ रणनीति तैयार करेंगे।

New Delhi, Apr 18 : राजस्थान कांग्रेस में सचिन पायलट की वैसी स्थिति नहीं दिख रही है, जैसी वो चाह रहे हैं, लगातार बगावती तेवर दिखाने के बाद भी पार्टी हाईकमान उन्हें वो भाव नहीं दे रहे हैं, हालांकि इस बीच राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर की राजस्तान की सियासत में एंट्री हो गई है, इस बात की जबरदस्त चर्चा है कि सचिन पायलट की राह सान करने के लिये पीके रणनीति तैयार करेंगे।

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किनारे पर सचिन पायलट
हालांकि सवाल ये है कि अगर सचिन पायलट को प्रशांत किशोर का साथ मिलता है, तो क्या गहलोत को किनारे कर पाने में सफल होंगे, sachin gahlot क्योंकि राजस्थान की गहलोत सरकार पर बीजेपी के घोटालों की जांच ना करने की बात कहकर सचिन पायलट ने एक दिन का धरना भी दिया, लेकिन पार्टी नेतृत्व ने उनके इस कदम का विरोध करते हुए साफतौर से उनसे किनारा कर लिया।

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पार्टी गहलोत के साथ
इस मौके पर भी पार्टी हाईकमान अशोक गहलोत के साथ खड़ी नजर आई, पार्टी ने गहलोत के कामों की जमकर तारीफ की, प्रदेश कांग्रेस प्रभारी ने सचिन पायलट के कदमों को पार्टी के खिलाफ गतिविधि में शामिल करने की बात कही, sachin gehlot इस मौके पर कांग्रेस हाईकमान ने साफ कहा कि इस साल के अंत में होने वाली राजस्थान विधानसभा चुनाव अशोक गहलोत के नेतृत्व में ही लड़े जाएंगे।

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पीके तैयार करेंगे रणनीति
विधानसभा चुनाव से पहले ये कहा जा रहा है कि पीके को सचिन पायलट के लिये चुनावी पिच तैयार करने की जिम्मेदारी मिली है, अब सवाल ये है कि पायलट पीके का इस्तेमाल कैसे करेंगे, क्या वो गहलोत के खिलाफ रणनीति तैयार करेंगे, या फिर थर्ड फ्रंट बनाकर राजस्थान की राजनीति में उथल-पुथल कर सकते हैं। बहती गंगा में हाथ धोने के लिये आम आदमी पार्टी भी तैयार है, दरअसल सचिन पायलट के धरने पर बैठने के बाद आप ने सबसे पहले आगे बढकर सचिन पायलट का समर्थन किया था, हालांकि सचिन पायलट थर्ड फ्रंट की ओर जाएंगे, इस बात की संभावना कम ही है।