इन राशियों पर चल रही साढेसाती और ढैय्या, बचाव के लिये शनि जयंती पर जरुर करें ये काम
मान्यता है कि इस दिन शनि देव की पूजा करने से कुंडली में साढेसाती, ढैय्या के साथ महादशा का दुष्प्रभाव काफी हद तक कम हो जाता है, ऐसे में अगर आप भी साढेसाती या ढैय्या से पीड़ित हैं, उन्हें इस दिन कुछ खास उपाय करने चाहिये, जिससे लाभ मिल सकता है।
New Delhi, May 17 : हिंदू पंचांग के मुताबिक ज्येष्ठ मास की अमावस्या को शनि जयंती मनाया जाता है, माना जाता है कि इन दिन भगवान शनि का जन्म हुआ था, इस कारण इस दिन शनि देव की विधिवत पूजा का विधान है, इस साल शनि जयंती 19 मई 2023 को पड़ रही है, इस दिन शश योग, शोभन और गजकेसरी योग बन रहा है, मान्यता है कि इस दिन शनि देव की पूजा करने से कुंडली में साढेसाती, ढैय्या के साथ महादशा का दुष्प्रभाव काफी हद तक कम हो जाता है, ऐसे में अगर आप भी साढेसाती या ढैय्या से पीड़ित हैं, उन्हें इस दिन कुछ खास उपाय करने चाहिये, जिससे लाभ मिल सकता है।
इन राशियों पर चल रही साढेसाती और ढैय्या
वैदिक ज्योतिष के मुताबिक इस समय शनि देव अपनी स्वराशि कुंभ में विराजमान हैं, इस समय कर्क तथा वृश्चिक राशि पर शनि की ढैय्या और मकर, कुंभ तथा मीन राशि के जातकों पर साढेसाती चल रही है।
दुष्प्रभाव कम करने का उपाय
पीपल के पेड़ के नीचे जलाएं दीपक- शनि जयंती के दिन पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल की दीया जलाएं, इसके साथ ही शनि स्त्रोत का पाठ करें।
इन चीजों का करें दान- शनि की साढेसाती और ढैय्या के दुष्प्रभावों को कम करने के लिये शनि जयंती के दिन तिल तथा साबुत दाल का दान करना चाहिये।
चढाएं सरसों का तेल- शनि जयंती के दिन सरसों के तेल के साथ आक का फूल शनिदेव को अर्पित करें, ऐसा करने से साढेसाती के दुष्प्रभाव काफी हद तक कम हो जाते हैं।
घर में लगाएं कील- शनि के नकारात्मक प्रभाव को कम करने के लिये जयंती के दिन काले घोड़े के नाल की 4 कीलें बनवाकर अपने घर के चारों कोनों में लगा दें।
पहनें छल्ला- शनि के दुष्प्रभावों को कम करने के लिये घोड़े की नाल या पिर लोहे से बना छल्ला पहन सकते हैं, अगर घोड़े की नाल की छल्ला नहीं पहन सकते हैं, तो इसे अपनी तिजोरी या पर्स में रख लें, इससे आर्थिक स्थिति हमेशा अच्छी बनी रहेगी।
(डिस्क्लेमर- यहां दी गई जानकारियां सामान्य मान्यताओं पर आधारित है, हम इसकी सत्यता की पुष्टि नहीं करते हैं।)